ह्यूस्टन में 'सीक्रेट दस्तावेज' जला रहा चीन?

पेइचिंग/वॉशिंगटन
ह्यूस्टन में चीनी दूतावास को 72 घंटों में बंद करने के आदेश से तमतमाए ड्रैगन ने पलटवार करते हुए गंभीर नतीजे भुगतने की चेतावनी दे डाली है। चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा कि हम अमेरिकी सरकार से अपने गलत फैसले को तुरंत रद्द करने का आग्रह करते हैं। अगर अमेरिका ने कोई गलत कदम उठाया तो हमें मजबूरी में उसकी प्रतिक्रिया में कुछ करना पड़ेगा।

सीक्रेट दस्तावेज जला रहा चीन
उधर, अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, चीनी काउंसलेट के अंदर बड़ी मात्रा में सीक्रेट दस्तावेजों को जलाया जा रहा है। जिसे बुझाने के लिए मौके पर फायर डिपार्टमेंट की कई गाड़ियां भी पहुंची हैं। सोशल मीडिया में शेयर किए जा रहे कई विडियो में काउंसलेट के अंदर से धुआं निकलता दिखाई दे रहा है। हालांकि अभी तक फायरफाइटर्स को अंदर घुसने की अनुमति नहीं दी गई है। अमेरिका के इस कदम से अब चीन के साथ उसके संबंधों के और ज्‍यादा तनावपूर्ण होने की आशंका बढ़ गई है।

अमेरिका बोला- चोरी कर रहा था चीन
अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मॉर्गन ऑर्टागस ने कहा कि ह्यूस्टन में को बंद करने का आदेश अमेरिकी बौद्धिक संपदा और अपने नागरिकों की निजी जानकारी की सुरक्षा के लिए किया गया था। उन्होंने आरोप लगाया कि चीन इस दूतावास के जरिए अमेरिका में देश विरोधी गतिविधियां कर रहा था।

अमेरिकी संप्रभुता के उल्लंघन का आरोप
उन्होंने कहा कि चीन अमेरिकी संप्रभुता का उल्लंघन और हमारे लोगों को धमकी दे रहा था, इसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। चीन पहले से ही हमारे साथ व्यापार युद्ध और अमेरिकी नौकरियों की चोरी समेत कई अन्य घिनौने व्यवहार कर रहा है। जिसके कारण उसे अगले 72 घंटों में ह्यूस्ट स्थित चीनी महावाणिज्यिक दूतावास को खाली करने का निर्देश दिया गया है।

इन मुद्दों को लेकर अमेरिका चीन में विवाद
अमेरिका और चीन के बीच विवाद का प्रमुख कारण दुनिया में अपना धौस जमाना है। ट्रेड वॉर के बाद, कोरोना वायरस, हॉन्ग कॉन्ग में नया सुरक्षा कानून, साउथ चाइना सी में अधिपत्य की होड़, भारत-जापान-ऑस्ट्रेलिया और ताइवान के खिलाफ चीन का आक्रामक रवैया, अमेरिकी पत्रकारों पर प्रतिबंध, उइगुरों का नरसंहार और तिब्बत को लेकर दोनों देशों के बीच विवाद है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *