सोनू सूद अब इस ऐप के जरिये प्रवासी बेरोजगारों को दिलाएंगे काम, नहीं लगेगा एक भी पैसा

सोनू सूद बीते कुछ महीनों में हजारों प्रवासी मजदूरों को घर पहुंचाकर उनकी मदद कर चुके हैं। लॉकडाउन के दौरान वह कई लोगों के जिंदगी के सुपरहीरो साबित हुए। सोनू का ये काम जारी है लेकिन घर वापस जाने के बाद बेरोजगार मजदूरों की संख्या 1 लाख तक पहुंच गई है। अब ऐसे लोगों के लिए सोनू एक ऐप लेकर आए हैं जिसका नाम है ‘प्रवासी रोजगार’। इससे वर्कर्स को रोजगार ढूढ़ने में मदद मिलेगी।

सोनू सूद इस कोरोना महामारी के बीच लोगों के मसीहा बनकर सामने आए हैं। लोगों को घर पहुंचाने और छत देने के बाद अब वह जरूरतमंदों के रोजगार की व्यवस्था भी कर रहे हैं।

सोनू बताते हैं, अपने गांव लौटने के बाद ये मजदूर रोजगार ढूंढ़ रहे हैं। इस वक्त यह काफी मुश्किल है। हालांकि उन्हें काम दिलाने की केंद्र सरकार की योजना है लेकिन मुझे लगता है कि उन्हें लॉन्ग टर्म सॉल्यूशन की जरूरत है। इन वर्कर्स को शहरों, कस्बों में काम से जोड़ना जरूरी है। वहीं उनके गांव में भी काम के मौके उपलब्ध करवाने की कोशिश करूंगा।

इस काम के लिए सोनू अपने इंजीनियर दोस्तों की मदद ली है। कई कंपनियां और एनजीओ उन्हें काफी सपोर्ट कर रहे हैं। यह ऐप फिलहाल इंग्लिश में है। जल्द ही 5 भाषाओं में होगा। इससे कामगरों को एक जगह से दूसरी जगह आने-जाने में भी मदद मिलेगी।

सोनू बताते हैं, हमारी वेबसाइट और एक ऐप है। ग्राउंड पर लोग हैं जो वर्कर्स को रजिस्ट्रेशन में मदद करेंगे। हमारा हेल्पलाइन नंबर है। लोग इस पर फोन करके खुद को रजिस्टर कर सकते हैं। हमें उनकी योग्यता बताइए और जो सीखना हो वो भी बताइए। हम उनकी प्रोफाइल बनाएंगे, ट्रेनिंग देंगे और उन्हें अच्छा काम देने वाले तक भी पहुंचाएंगे।

सोनू ने बताया, इस वक्त लोगों को नहीं पता कि काम कहां मिलेगा। जो लोग काम करने वालों की तलाश में हैं उन्हें नहीं पता कि काम करने वाले कहां मिलेंगे। लोगों को काम दिलाने की इस कोशिश में उनसे एक रुपया भी चार्ज नहीं किया जाएगा।

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सोनू सूद का ये ऑनलाइन प्लैटफॉर्म 23 जूलाई को लॉन्च होगा। इसमें कंस्ट्रक्शन, कपड़ों, हेल्थकेयर, इंजीनियरिंग, बीपीओ, सिक्योरिटी, ऑटोमोबाइल, ई-कॉमर्स और लॉजिस्टिक्स से जुड़ी 500 से ज्यादा कंपनियों में नौकरी के मौके होंगे। इसकी हेल्पलाइन 24X7 मौजूद रहेगी। इसके माइग्रेंट सपोर्ट सेंटर्स दिल्ली, मुंबई, बंगलुरु, हैदराबाद, कोयंबटूर, अहमदाबाद और तिरुवंतपुरम में होंगे। इस प्लैटफॉर्म से जुड़ने के कई और फायदे हैं जैसे, काउंसिलिंग सेशन होंगे, बढ़िया जॉब ऑफर मिलेंगे साथ ही इंग्लिश बोलने जैसी कई स्किल्स सिखाई जाएंगी। सोनू ने बताया कि प्रवासी कामगरों की संख्या 6 करोड़ से ज्यादा है। इनमें से 3 करोड़ मजदूर हैं। उन्होंने भरोसा जताया कि ऐप पर जल्द ही 1 करोड़ लोग होंगे।

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