आज राज्यसभा में नवनिर्वाचित सांसदों ने पद एवं गोपनीयता की शपथ ली। वैसे तो यह एक सामान्य प्रक्रिया है लेकिन कांग्रेस और बीजेपी के लिए आज सबकुछ अनोखा था। दरअसल, कभी कांग्रेस ने पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के करीबी रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बतौर बीजेपी सदस्य राज्यसभा में शपथ ली।
शपथ से पहले सिंधिया की दिग्गी को सलाम-नमस्ते
शपथ लेने से पहले का नजारा बेहद अलग था। शपथ से पहले सिंधिया मध्य प्रदेश में एक-दूसरे के राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी दिग्विजिय सिंह की सीट की तरफ बढ़े और उन्हें हाथ जोड़कर अभिवादन भी किया। यही नहीं उन्होंने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मल्लिकार्जुन खड़गे को भी सलाम-नमस्ते किया।
सिंधिया के विद्रोह से गिरी कमलनाथ की सरकार
दिग्विजय और कमलनाथ की जुगलबंदी के कारण ही कभी मध्य प्रदेश में सीएम पद से दूर रह जाने वाले सिंधिया की यह भावभंगिमा देखने लायक थी। बता दें कि मध्य प्रदेश में सिंधिया खेमे के 22 विधायकों ने इस्तीफा देकर वहां बीजेपी सरकार बनाने में अहम भूमिका निभाई थी।
दिग्विजय हो गए थे फेल
ने अंत तक नाराज विधायकों को मनाने के लिए पुरजोर कोशिश की थी लेकिन वह सफल नहीं हो पाए थे और कमलनाथ की सरकार गिर गई थी। राज्य में दिग्विजय सिंह और सिंधिया की राजनीतिक दुश्मनी किसी से छिपी नहीं है। दोनों नेता एक-दूसरे पर हमला करते रहे हैं।
सिंधिया को केंद्र में मिलेगी बड़ी जिम्मेदारी?
ऐसे में राज्यसभा में शपथ के बाद अपनी पुरानी पार्टी के नेताओं से सिंधिया की यह मुलाकात काफी दिलचस्प रही। अभी तक विपक्ष में बैठने वाले सिंधिया अब सत्ता पक्ष के साथ हैं। ऐसे भी कयास हैं कि सिंधिया को जल्द की केंद्र में कोई बड़ी भूमिका भी मिल सकती है।
राज्यसभा में 45 नए सदस्यों ने ली शपथ
बता दें कि राज्यसभा के 61 नवनिर्वाचित सदस्यों में से करीब 45 सदस्य बुधवार को शपथ ग्रहण किया। इनमें पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी. देवेगौड़ा, एनसीपी प्रमुख शरद पवार, कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह और बीजेपी के भुवनेश्वर कलिता शामिल हैं। करीब 45 नवनिर्वाचित सांसदों ने बुधवार को राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू की उपस्थिति में शपथ लेने की पुष्टि की है। इस अवसर पर उपराष्ट्रपति एवं उच्च सदन के सभापति वेंकैया नायडू ने कहा, ‘देश के विधि निर्माता के रूप में आपका चुनाव हुआ है। अपने दायित्व के निर्वहन में आप सुनिश्चित करें कि सदन में आपका आचरण नियमों के अनुकूल हो, स्थापित मानदंडों के अनुरूप हो और सदन के बाहर आपका आचरण नैतिकता के मानदंडों के अनुसार हो।’सदस्यों ने सोशल डिस्टेंसिंग के मानकों का पालन करते हुए शपथ ग्रहण किया।