मेहताब ने 24 घंटे पहले जॉइन की BJP, फिर छोड़ी राजनीति

कोलकाताबीजेपी में शामिल होने के एक दिन बाद पूर्व भारतीय फुटबॉलर ने बुधवार को कहा कि वह किसी राजनीतिक दल से नहीं जुड़े हैं। कोलकाता मैदान में ‘मिडफील्ड जनरल’ के नाम से मशहूर हुसैन ने कहा कि राजनीति छोड़ने का फैसला व्यक्तिगत है क्योंकि वह राजनीतिक दल में शामिल होने के अचानक लिए गए फैसले से अपने परिवार और फैंस को हुई पीड़ा से व्यथित हैं।

ईस्ट बंगाल के पूर्व कप्तान को बीजेपी की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष दिलीप घोष ने मंगलवार को मुरलीधर सेन लेन स्थित दफ्तर में भारत माता की जय के नारों के बीच बीजेपी का झंडा थमाया गया था। हुसैन ने एक फेसबुक पोस्ट में कहा, ‘आज से मैं किसी भी राजनीतिक दल से नहीं जुड़ा हूं। मैं अपने इस फैसले के लिए सभी फैंस से माफी मांगता हूं।’

पढ़ें,

उन्होंने कहा, ‘किसी ने भी यह फैसला लेने के लिए मुझ पर दबाव नहीं डाला। राजनीति से दूर रहने का निर्णय पूरी तरह से मेरा व्यक्तिगत फैसला है।’ भारत के लिए 30 मैचों में दो गोल करने वाले हुसैन ने कहा कि वह राजनीति में आए थे क्योंकि वह और लोगों से जुड़ना चाहते थे।

हुसैन ने कहा, ‘इस मुश्किल वक्त में, मैं अपने लोगों के साथ रहना चाहता था। उन मजबूर चेहरों ने मेरी नींद ले ली है। इसलिए मैंने अचानक राजनीति का रुख कर लिया लेकिन जिन लोगों की मैं सेवा करना चाहता था, उन्हीं ने कहा कि मुझे राजनीति से नहीं जुड़ना चाहिए। वे मुझे राजनीतिज्ञ के तौर पर नहीं देखना चाहते थे।’ उन्होंने कहा कि उनके राजनीति में जाने से पत्नी और बच्चे भी आहत थे।

वहीं, बीजेपी ने आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल में सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस की ‘धमकियों’ की वजह से हुसैन ने यू-टर्न लिया। बीजेपी नेता सयांतन बसु ने कहा, ‘यह टीएमसी की डराने और धमकाने की राजनीति का नतीजा है। हमनें यह चीजें पहले भी देखी हैं लेकिन टीएमसी जितना इन हथकंडों को अपनाएगी, उतना ही जनता में समर्थन खोती जाएगी।’

पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष जय प्रकाश मजूमदार ने कहा कि ऐसी घटनाएं पश्चिम बंगाल में ‘कानूनविहीन स्थिति’ को दर्शाती हैं। वहीं तृणमूल कांग्रेस के नेता पार्थ चटर्जी ने इन आरोपों को निराधार बताया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *