शिवसेना ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या में विवादित स्थल पर राम मंदिर निर्माण के पक्ष में फैसला दिया। फैसला आने के बाद केंद्र ने सीबीआई की विशेष अदालत में बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले की सुनवाई को गति देने के लिए कोई पहल नहीं की, जहां भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी को इस सप्ताह गवाही के लिए बुलाया गया। केंद्र सरकार का यह कदम समझ से परे है।
हमारे सहयोगी इकनॉमिक टाइम्स को दिए एक इंटरव्यू में शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने यह भी पूछा कि भाजपा बाबरी मस्जिद के विध्वंस के लिए खुद की हिम्मत क्यों नहीं दिखा पाई। शिवसेना की तरफ से यह बयान तब आया है, जब श्री राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट ने निर्माण के लिए आयोजित होने वाले भूमि पूजन समारोह में शिवसेना प्रमुख और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को आमंत्रित किया है।
‘क्यों घसीटे जा रहे आडवाणी और जोशी’
संजय राउत ने कहा, ‘मुझे समझ नहीं आ रहा है कि केंद्र अभी भी मामले को जीवित रखे हुए है और इस उम्र में आडवाणी जी (92) और जोशीजी (86) को सीबीआई अदालत में घसीटा जा रहा है। यह बयां नहीं किया जा सकता।’ उन्होंने कहा, ‘जब सुप्रीम कोर्ट ने राम मंदिर के निर्माण को मंजूरी दी है, तो मोदी सरकार को बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले को बंद करने की प्रक्रिया शुरू करने से किसने रोका है?’
लखनऊ की सीबीआई विशेष अदालत में चल रहा केस
6 दिसंबर 1992 को हुए बाबरी मस्जिद विध्वंस आरोप का मामला लखनऊ की एक विशेष सीबीआई अदालत में चल रहा है। इस अदालत में जोशी और आडवाणी के बयानों को क्रमशः गुरुवार और शुक्रवार को वीडियो कॉफ्रेंसिंग के जरिए दर्ज किया जाता है। इस केस में 49 आरोपी हैं जिनमें से 32 अभी जिंदा हैं। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में फैसले के लिए 31 अगस्त की तारीख निर्धारित की है।
‘बाबरी विध्वंस मामले में अब साहस दिखाए बीजेपी’
संजय राउत ने कहा, ‘दूसरी बात, भाजपा, एक पार्टी की तरह और उसके शीर्ष नेता कम से कम अब, कारसेवकों की भीड़ पर दोष लगाने के बजाय विध्वंस के लिए खुद पर साहस और दृढ़ विश्वास क्यों नहीं दिखा सकती?’ भाजपा के दृष्टिकोण और अपनी पार्टी के बीच एक मतभेदों को लेकर संजय राउत ने कहा, ‘याद रखें कि हमारे नेता, दिवंगत बाल ठाकरे और शिवसेना हमेशा कहती रही है कि हमें गर्व है कि बाबरी मस्जिद को राम मंदिर बनाने के लिए गिराया गया।’
‘मंदिर बनाना कोई अपराध नहीं था’
संजय राउत ने कहा, ‘बाबरी मस्जिद विध्वंस के समय बाल ठाकरे अयोध्या में नहीं थे, इसके बावजूद वह लखनऊ कोर्ट में पेश हुए। बाद में उन्हें विध्वंस केस को लेकर मुंबई में गिरफ्तार भी किया गया था। मुझे भी समन जारी हुआ था। अयोध्या में जिस जगह पर राम मंदिर बन रहा है वहां मंदिर बनाना कोई अपराध नहीं था, यहां तक कि अब सुप्रीम कोर्ट ने भी वहां मंदिर बनाने की अनुमति दे दी है।’
‘जरूर जाएंगे उद्धव ठाकरे’
उद्धव ठाकरे के अयोध्या जाने के सवाल पर संजय राउत ने बताया कि अगर आमंत्रण मिला तो वह जरूर जाएंगे। उन्होंने कहा कि वैसे भी उद्धव ठाकरे बिना किसी आमंत्रण के नियमित अयोध्या जाते रहते हैं और वहां पूजा करते हैं। उद्धव के अयोध्या जाने से महाराष्ट्र सरकार के गठबंधन में प्रभाव को लेकर उन्होंने कहा कि ऐसा कुछ नहीं होगा।
‘एनसीपी और कांग्रेस जानती है शिवसेना का राम मंदिर अभियान में रोल’
संजय राउत ने कहा, ‘एनसीपी और कांग्रेस अच्छी तरह से जानती है कि ठाकरे और सेना ने राम मंदिर अभियान में अहम रोल अदा किया है। गठबंधन सरकार बनने के बाद भी उद्धव ठाकरे अयोध्या गए थे। यहां तक कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी सभी राजनीतिक पार्टियों ने राम मंदिर निर्माण के फैसले का स्वागत किया था। शिवसेना ने एनसीपी और कांग्रेस के साथ गठबंधन करके सरकार इसलिए बनाई है ताकि राजीतिक स्थिरता हो और महाराष्ट्र में विकास हो सके। देश के सामने जो चुनौतियां हैं उनका सामना कर सकें।’