पाकिस्तान में देश के शक्तिशाली संस्थानों की आलोचना के लिए चर्चित एक वरिष्ठ पत्रकार को अज्ञात ‘वर्दीधारी’ लोगों ने मंगलवार को दिनदहाड़े अगवा कर लिया। अगवा किए गए पत्रकार मतिउल्लाजान के परिवार और एक मंत्री ने इसकी पुष्टि भी की। हालांकि पूरे देश में इस घटना का सीसीटीवी फुटेज वायरल होने के बाद सरकार की आलोचना शुरू हो गई और अपहरण करने वालों को उन्हें छोड़ना पड़ गया।
सोशल मीडिया पर वायरल फुटेज के मुताबिक मतिउल्लाजान को सेक्टर जी-6 इलाके में उनकी कार से खींचकर निकाला गया और अज्ञात स्थान की ओर ले जाया गया। उनके ट्विटर अकाउंट से एक ट्वीट किया गया। बताया जा रहा है कि मतिउल्लाजान के बेटे ने संभवत: यह ट्वीट किया था। इसमें लिखा था, ‘मेरे अब्बू मतिउल्लाजान को राजधानी (इस्लामाबाद) से अगवा कर लिया गया है। मैं उनका पता लगाने की मांग करता हूं। घटना के लिए जो जिम्मेदार है, उनके खिलाफ फौरन कार्रवाई की जाए। अल्लाह उन्हें सलामत रखे ।’
‘सरकारी एजेंसियां ले गईं लेकिन सरकार खामोश’
जान की पत्नी और भाई ने मीडिया को बताया कि उनकी कार एक स्कूल के बाहर खड़ी मिली और उसके अंदर उनका एक मोबाइल फोन था। सूचना मंत्री शिबली फराज ने मीडिया को बताया कि उन्होंने गृह मंत्रालय से घटना की विस्तृत जानकारी मांगी है। उन्होंने कहा, ‘पत्रकारों की सुरक्षा करना हमारा कर्तव्य है।’ सीसीटीवी फुटेज में दिखा कि हथियारबंद लोग तीन वाहनों में सवार होकर आए और उन्हें जबरन गाड़ी में बैठा लिया।
आशंका जताई जा रही है कि मतिउल्लाजान को सरकारी एजेंसियों ने ही अगवा किया था। पाकिस्तान के वरिष्ठ पत्रकार हामिद मीर ने इस घटना का सीसीटीवी फुटेज जारी करते हुए लिखा, ‘इस वीडियो को ध्यान से देखिए। कुछ लोग मतिउल्लाजान का अपहरण कर रहे हैं। इनमें से कुछ लोग वर्दी में हैं और कुछ सिविल ड्रेस में हैं। पत्रकार ने अपना फोन स्कूल की बिल्डिंग में फेंक दिया। संभवत: उन्होंने अपनी पत्नी के लिए ऐसा किया जो स्कूल में टीचर हैं। मुझे इस बात में कोई संदेह नहीं है कि उन्हें सरकारी एजेंसियां ले गई हैं लेकिन सरकार खामोश है।’