…जब 'महाराज' का हुआ 'राजा' से सामना

कांग्रेस छोड़ने के बाद बीजेपी ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को राज्यसभा का टिकट थमा दिया था। जीत के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने राज्यसभा सांसद के रूप में आज शपथ ली है। ज्योतिरादित्य सिंधिया पहली बार राज्यसभा पहुंचे हैं। वहीं, बीजेपी के दूसरे सांसद सुमेर सिंह सोलंकी भी पहली बार राज्यसभा पहुंचे हैं। शपथ ग्रहण समारोह के दौरान राज्यसभा के दौरान एक अद्भुत दृश्य देखने को मिला है, जिसकी खूब चर्चा हो रही है। बीजेपी सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया और दिग्विजय सिंह का एक-दूसरे से पहली बार सामना हुआ है।

दरअसल, ज्योतिरादित्य सिंधिया और दिग्विजय सिंह के बीच सियासी अदावत पहले से है। मार्च से पहले तक दोनों कांग्रेस में थे। ऐसे में दोनों की लड़ाई पर्दे के पीछे चलती थी। ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस से अलग होने के बाद करीब 3 महीने तक, तो खामोश रहे। भोपाल मंत्रियों की शपथ के बाद वह कांग्रेस के दिग्विजय सिंह और कमलनाथ पर सीधे अटैक कर रहे हैं। अब दिग्विजय सिंह भी उन्हें खूब खरी खोटी सुनाते हैं। दिग्विजय सिंह के एक आरोप पर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा था कि हमें उनसे सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है।

कांग्रेस छोड़ने के बाद दिग्विजय सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया कभी आमने सामने नहीं आए हैं। पहली बार राज्यसभा के अंदर ज्योतिरादित्य सिंधिया का सामना दिग्विजय सिंह से हुआ। इस दौरान वहां कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद भी मौजू थे। गुलाम नबी आजाद ने ज्योतिरादित्य सिंधिया का पीठ थपथपा का आशीर्वाद दिया। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे का भी अभिवादन किया।

मुलाकात के दौरान ज्योतिरादित्य सिंधिया और दिग्विजय सिंह ने एक-दूसरे का अभिवादन किया। हालांकि दोनों थोड़ा असहज नजर आ रहे थे। दोनों को अभिवादन करते देख वहां मौजूद गुलाम नबी आजाद मुस्कुरा रहे थे। दरअसल, एमपी की राजनीति में ज्योतिरादित्य सिंधिया को महाराज और दिग्विजय सिंह को राजा कहते हैं।

बीजेपी सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया अभी तक लोकसभा के ही सदस्य रहे हैं। वह एमपी के गुना-शिवपुरी सीट से चुनाव लड़ते रहे हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में ज्योतिरादित्य सिंधिया बीजेपी के केपी यादव से हार गए थे। उसके बाद से लगातार कांग्रेस में उनकी अनदेखी हो रही थी। कांग्रेस में अनदेखी से नाराज सिंधिया ने अपने 22 विधायकों के साथ बीजेपी का दामन थाम लिया था। उसके बाद बीजेपी ने उन्हें राज्यसभा भेजा है।

वहीं, बीजेपी के दूसरे सांसद सुमेर सिंह सोलंकी भी पहली बार राज्यसभा गए हैं। सुमेर सिंह सोलंकी का नाम अचानक चर्चा में आया था। वह एक कॉलेज में प्रोफेसर थे। नाम की घोषणा के बाद सरकारी सेवा से इस्तीफा देकर सोलंकी ने नामांकन दाखिल किया था। सोलंकी ने भी आज राज्यसभा सदस्य के रूप में शपथ ली है।

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