सीमा पर भारत और चीन के जवानों के बीच हिंसक झड़प में शहीद हुए कर्नल संतोष बाबू की पत्नी संतोषी को तेलंगाना सरकार ने डेप्युटी कलेक्टर के पद पर नियुक्ति दी है। मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने बुधवार को संतोषी को सरकारी नौकरी का नियुक्ति पत्र सौंपा। राव ने अफसरों को निर्देश दिए हैं कि शहीद की पत्नी की नियुक्ति हैदराबाद या आसपास के इलाकों में ही की जाए।
कर्नल संतोष बाबू की पत्नी संतोषी अपनी 8 साल की बेटी और 3 साल के बेटे के साथ फिलहाल दिल्ली में रहती हैं। संतोषी को ही सबसे पहले संतोष बाबू के शहीद होने का पता चला था। वहीं संतोष की मां हैदराबाद में रहती हैं। वह चाहती थीं कि बेटे का ट्रांसफर किसी तरह हैदराबाद में ही हो जाए। इससे पहले तेलंगाना सरकार ने कर्नल संतोष बाबू के परिवार को पांच करोड़ रुपये की सम्मान राशि देने का ऐलान किया था।
20 जवान हुए थे शहीद
आपको बता दें कि पिछले महीने गलवान घाटी में चीन के अवैध कब्जे को लेकर भारत और चीन की सेनाओं में खूनी संघर्ष हुआ था। इस संघर्ष में कर्नल संतोष बाबू समेत सेना के कुल 20 जवान शहीद हो गए थे। चीन के भी कम के कम 43 सैनिक और अधिकारी इस झड़प में मारे गए। दरअसल, लगातार जारी तनाव के बीच कर्नल संतोष बाबू बातचीत करने गए थे। लौटते वक्त चीनी सैनिकों ने धोखे से हमला कर दिया, जिसके बाद दोनों तरफ के जवानों में जमकर संघर्ष हुआ।
क्या है लद्दाख में भारत-चीन विवाद
गलवान घाटी में घुसपैठ को खत्म करने के लिए कई स्तर पर बातचीत चल रही है। यहां पर चीन की मौजूदगी दारबुक-श्योक-दौलत बेग ओल्डी रोड के लिए खतरा है। यह रोड काराकोरम पास के नजदीक तैनात जवानों तक सप्लाई पहुंचाने के लिए बेहद अहम है। पैंगोंग झील का मसला और पेचीदा है। यहां पर चीन ने फिंगर 8 से 4 के बीच 50 वर्ग किलोमीटर से ज्यादा भूमि पर कब्जा कर रखा है। चीन ने फिंगर 4 के बेस के पास कैंप लगाए हैं। इसके आगे भारत की पैट्रोलिंग टीम को नहीं जाने दिया जा रहा जबकि फिंगर 8 तक भारत का इलाका है। चीन फिंगर 4 तक ही भारत की सीमा मानता है।