उत्तर प्रदेश में बढ़ते कोरोना के नए मामले और अस्पतालों में बेड की कमी ने सरकार की चिंता बढ़ी दी है। ऐसे में यूपी सरकार ने अब दिल्ली सरकार की तरह बिना लक्षण वाले कोरोना मरीजों को होम आइसोलेशन की मंजूरी दे दी है। योगी सरकार ने होम आइसोलेशन के लिए गाइडलाइन भी जारी कर दी है। नई गाइडलाइन के मुताबिक, हल्के लक्षण या बगैर लक्षण वाले मरीज जिनको कोई दूसरी बीमारी नहीं है वो होम आइसोलेशन में रहते हुए अपना इलाज करा सकेंगे, लेकिन इसके लिए पहले डॉक्टर की इजाजत जरूरी होगी। आइए जानते हैं वे 5 वजहें, जिनकी वजह से यूपी सरकार को लेना पड़ा होम आइसोलेशन का फैसला-
होम आइसोलेशन की एक वजह यूपी में बढ़ते कोरोना केस भी हैं। उत्तर प्रदेश में पिछले 24 घंटे के दौरान कोरोना वायरस के 1924 नए मामले सामने आए हैं। वहीं इस महामारी से राज्य में 46 लोगों की मौत हुई है। सोमवार को राज्य में मरने वालों की संख्या बढ़कर 1192 हो गई। रविवार को प्रदेश में 43,401 सैंपल्स की जांच की गई। बता दें कि रविवार को एक ही दिन में लखनऊ में लगभग 400 नए केस मिलने से हड़कंप मच गया था। सीएम योगी ने आनन-फानन में समीक्षा बैठक बुलाई थी। नए केस में ज्यादातर बिना लक्षण वाले मरीज शामिल थे।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को टीम-11 की बैठक में कहा है कि बड़ी संख्या में कोविड से संक्रमित लोग बीमारी छुपा रहे हैं। इससे संक्रमण बढ़ सकता है। इसलिए एक निर्धारित प्रोटोकॉल और कड़ी शर्तों के साथ होम आइसोलेशन की अनुमति दी जाएगी। रोगी और उसके परिवार को इन प्रोटोकॉल का पालन करना अनिवार्य होगा। यह सुनिश्चित करना होगा कि रोगी के संपर्क में परिवार का सदस्य या कोई अन्य व्यक्ति आकर संक्रमित न हो। साथ ही सीएम ने यह भी कहा कि नई व्यवस्था से बिना लक्षण वाले मरीज भी टेस्टिंग के लिए प्रोत्साहित होंगे और बीमारी छिपाएंगे नहीं।
पिछले कुछ दिनों से खबरें आ रही हैं कि लखनऊ, गोरखपुर समेत कई बड़े जिले ऐसे हैं जहां बेडों की संख्या कम होती जा रही है। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ का आलम यह है कि लगभग एक हफ्ते से मरीजों को केजीएमयू, पीजीआई और लोहिया समेत कोरोना वायरस के सेंटर में भर्ती नहीं मिल रही है। बाहरी जिलों से आने वाले मरीजों को भी बेड खाली न होने से लौटना पड़ रहा है। ऐसे में लगातार मांग हो रही थी कि सरकार बिना लक्षणों वाले मरीजों के लिए होम आइसोलेशन की व्यवस्था करे। हालांकि सरकार को दावा है कि प्रदेश में बेडों की कमी नहीं है।
पिछले कुछ दिनों से यूपी में बढ़ते कोरोना मरीज के चलते विपक्ष भी लगातार योगी सरकार पर हमलावर हो रहा है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने अस्पतालों में बेड की कमी का मुद्दा उठाते हुए सरकार पर निशाना साधा था। तो वहीं अखिलेश ने भी हल्के लक्षणवाले मरीज़ों को घर पर ही क्वारंटीन करने की मांग की थी। मायावती ने भी बढ़ते कोरोना केस पर चिंता जताते हुए कहा था कि जुगाड़ नहीं बल्कि उचित व्यवस्था से महामारी नियंत्रित हो सकती है।
भले ही अस्पतालों में बेड की कमी की खबरें आ रही हैं लेकिन योगी सरकार ने इससे इनकार किया है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने टीम-11 की बैठक में कहा कि प्रदेश में पर्याप्त संख्या में बेड उपलब्ध हैं। फिर भी लोगों को और सहूलियत देने के लिए होम आइसोलेशन की व्यवस्था लागू की जा रही है। अपर मुख्य सचिव (गृह) अवनीश अवस्थी ने कहा कि लोगों की गुजारिश को ध्यान में रखते हुए राज्य में होम आइसोलेशन की अनुमति दी जा रही है। उन्होंने कहा, ‘हमारे पास एल-1, एल-2 और एल-3 सभी अस्पतालों में पर्याप्त बेड हैं।’