एमपी के राज्यपाल हो गया है। वह लखनऊ के मेदांता अस्पताल में भर्ती थे। एक ऑपरेशन के बाद उनकी तबीयत बिगड़ गई थी। उसके बाद उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट दिया गया था। पिछले 15 दिनों से वह लगातार वेंटिलेटर पर ही थे। लालजी टंडने के बेटे आशुतोष टंडन ने उनके निधन की पुष्टि की है।
दरअसल, का निधन 85 वर्ष की उम्र में हुआ है। वह लखनऊ से सांसद भी रहे हैं। तबीयत बिगड़ने के बाद सीएम उनसे मिलने के लिए लखनऊ भी गए थे। उसके बाद से वह लगातार उनके परिजनों के संपर्क में थे। शिवराज सिंह चौहान लगातार लालजी टंडन के परिजनों के संपर्क में थे।
तबीयत बिगड़ने के बाद 11 जून को लालजी टंडन को मेंदाता में अस्पताल में भर्ती कराया था। वहां उनका ऑपरेशन कराया गया था। 16 जुलाई को उनकी तबीयत बिगड़ गई थी। उसके बाद उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट दिया गया था। बीच में उनकी हालत स्थिर नहीं हुई। मंगलवार को उनका निधन हो गया है।
सीएम शिवराज ने भी शोक व्यक्त किया
वहीं, राज्यपाल लालजी टंडन के निधन से एमपी में शोक की लहर है। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने लिखा है कि एमपी के राज्यपाल श्रद्धेय लालजी टंडन के चरणों में श्रद्धासुमन अर्पित करता हूं। टंडन जी का मार्गदर्शन हम सभी बीजेपी को कार्यकर्ताओं को लंबे समय तक मिला। उन्होंने जनता और राष्ट्र की सेवा का एक अद्भुत उदाहरण पेश करते हुए अपनी नीतियों से बीजेपी को सशक्त किया है।
एमपी के राज्यपाल रहते हुए टंडनजी ने हमें सदैव सन्मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया। राष्ट्र के प्रति उनके प्रेम और प्रगति हेतु योगदान को चिरकाल तक याद रखा जाएगा। आत्मा अजर-अमर है। वे आज हमारे बीच नहीं हैं, परंतु सुविचारों द्वारा वे हमारी स्मृतियों में सदैव जीवित रहेंगे।
वहीं, पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने लिखा है कि महामहिम राज्यपाल श्री लाल जी टंडन के दुखद निधन के समाचार सुन कर बेहद दुख हुआ। भाजपा/संघ की सेवा भावी चरित्र की पीढ़ी अब समाप्त होती जा रही है। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें। टंडन जी के परिवार जनों को मेरी संवेदनाएं।