अमेरिकी न्याय विभाग ने दो चीनी हैकरों पर दुनियाभर की कंपनियों के व्यापार से जुड़ी करोड़ों डॉलर मूल्य की गुप्त जानकारियों को चुराने और हाल ही में कोरोना वायरस के लिए वैक्सीन विकसित करने वाली फर्मों को निशाना बनाने का आरोप लगाया। अधिकारियों ने कहा कि हाल के महीनों में हैकरों ने वैक्सीन और उपचार विकसित करने के अपने काम के लिए सार्वजनिक रूप से ज्ञात कंपनियों के कंप्यूटर नेटवर्क की कमियों पर शोध किया था।
मामले में हैकर्स के खिलाफ व्यापार से जुड़ी गुप्त जानकारी चोरी करने और धोखाधड़ी के आरोप शामिल हैं। यह मामला इस महीने की शुरुआत में वॉशिंगटन राज्य की संघीय अदालत में दायर किया गया था।
रूस पर भी लगाया था आरोप
इससे पहले अमेरिका, ब्रिटेन और कनाडा ने रूस पर वैक्सीन रिसर्च चोरी करने की कोशिश का आरोप लगाया था। तीनों देशों का दावा है कि रूस मेडिकल संगठनों और यूनिवर्सिटीज पर साइबर हमले कर रिसर्च चुराने की कोशिश कर रहा है। तीनों ने गुरुवार को एक संयुक्त बयान जारी कर दावा किया है कि APT29 (Cozy Bear) नाम के हैकिंग ग्रुप ने अभियान छेड़ रखा है।
सिक्यॉरिटी चीफ का दावा है कि यह ग्रुप रूस की खुफिया एजेंसियों का हिस्सा है और क्रेमलिन के इशारे पर काम करता है। अभी तक इस बारे में जानकारी नहीं दी गई है कि ये साइबर हमले कहां किए गए हैं लेकिन माना जा रहा है कि फार्मासूटकिल और ऐकडेमिक संस्थानों को निशाना बनाया गया है। वहीं, क्रेमलिन ने इस आरोप का खंडन किया है।