बता दें कि ‘दिल तोड़ के वही गाना का रीमेक है, जो 90 के दशक में काफी हिट हुआ था। अब बी. प्राक की आवाज में इस गाने को आईएएस ऑफिसर अभिषेक सिंह पर फिल्माया गया है। उन्होंने इस गाने को लेकर बातें करते हुए कहा, ‘जब यह गाना 90 के दशक में आया था तब हम काफी छोटे-छोटे थे तो उस समय की यादें नहीं हैं, लेकिन इस गाने को सुनने के बाद मेरी कॉलेज और स्कूल लाइफ की यादें जरूर ताजा हो जाती हैं, क्योंकि यह गाना काफी इमोशनल है। बहुत सी पुरानी दबी हुई यादें ताजा हो जाती हैं।’
उन्होंने आगे बताया कि ‘दिल तोड़ के हंसती हो मेरा’ गाना उनकी जिंदगी से काफी हद तक जुड़ा है। उन्होंने कहा, ‘मेरे लिए वो लास्ट लाइन काफी मायने रखती है, जिसमें वो कहता है कि जिंदगी अभी बाकी है। मैं भी कहीं न कहीं इसी दौर से गुजरा हूं और फिर किसी तरह से अपने आपको संभाल कर आगे बढ़ा। तब मैं आईएएस की तैयारी कर रहा था और उसी वक्त मेरे साथ यह सब हुआ। फाइनली मैंने अपना ध्यान इन सबसे हटाकर आईएएस की पढ़ाई की और इसे क्लियर किया। इस तरह की लाइन मुझे काफी मजबूती देती है। जो मजबूती मुझे उस वक्त मिली थी यह उसकी याद दिलाती है।’
उन्होंने आगे कहा, ‘जब हम किसी इंसान से बहुत ज्यादा प्यार करते हैं तो आप उसके प्रति पूरी तरह से समर्पित हो जाते हो। जब वही इंसान आपका भरोसा तोड़ता है तो लगता है कि अब जिंदगी में कुछ बचा नहीं है और ऐसा ही मेरे साथ हुआ था। मुझे ऐसा लगा कि मेरी जिंदगी में कुछ बचा नहीं है। वैसे, यहां कहना तो नहीं चाहिए लेकिन कई बार ऐसा लगा कि अपनी जान ले लें क्योंकि लगा कि इसके अलावा कुछ है नहीं। लेकिन मुझे लगता है कि उस वक्त आपकी परवरिश, आपका कल्चर आपको शक्ति देता है, फिर आप अपने मां-बाप के बारे में सोचते हो, परिवार के बारे में सोचते हो। इन सबी चीजों पर ध्यान लगाओ तो आगे बढ़ने की शक्ति मिलती है। यह बहुत ही कठिन समय होता है, जहां इंसान बुरी तरह टूट चुका होता है।’
अभिषेक ने अपने उसी कठिन दौर को याद करते हुए कहा, ‘एक लाइन होती है, जिसके एक साइड चलो तो आबाद हो और दूसरी साइड तो बर्बाद और ऐसे समय में सही रास्ते का चुनाव जरूरी है। मेरी सबको सलाह है कि आप सब करो, लेकिन इतनी मजबूती रहे कि आप इन सब चीजों से बाहर आ सकें। मुझे इन सबसे बाहर आने में करीब एक साल लग गया।’
अपने डिप्रेशन के बारे में उन्होंने कहा, ‘जब मैं इसे गुजरा तब मुझे पढ़ाई करनी थी और ऐसे स्टेज पर पढ़ाई कर पाना काफी मुश्किल काम है। सिविल सर्विसेज़ जैसी पढ़ाई के लिए दिन में 18 घंटे पढ़ाई करना जरूरी है और आपके पास दोस्तों के लिए समय नहीं होता। इस दौरान मैंने डिप्रेशन से बाहर निकलने पर फोकस नहीं किया, सिर्फ अपने लक्ष्य पर फोकस किया कि मुझे आईएएस बनना है। सुबह-शाम, दिन-रात मैं यही सोचता कि मुझे आईएएस बनना है ताकि मेरे दिमाग में नेगेटिव विचार की जगह ही न बचे। पढ़ाई को लेकर मेरा हर घंटे का टाइम-टेबल सेट होता था। कठिन जरूर है लेकिन इसे अचीव किया जा सकता है।’
इंडस्ट्री से मिले अपने प्रॉजेक्ट के बारे में बातें करते हुए अभिषेक ने बताया, ‘मैंने ऐसे सोचा नहीं था कि इंडस्ट्री में आऊंगा, यह एक इत्तेफाक है। पिछले साल मैं सरकारी काम से मुंबई गया था। मुकेश छाबड़ा मेरे दोस्त हैं, जो सुशांत की आखिरी फिल्म दिल बेचारा के डायरेक्टर हैं। मैं उनके ऑफिस गया तो उन्होंने मुझे लंच पर बुलाया। उस वक्त वहां दिल्ली क्राइम सीजन 2 वेब सीरीज की टीम बैठी थी उनके यहां। उन्होंने मुझसे मिलवाते हुए कहा कि ये सीरीज बना रहे हैं, इन्हें कुछ जानकारियां चाहिए। किसी ने मुझसे पूछा कि आपने क्या-क्या ऐक्टिंग की है अब तक। फिर वहां कुछ लोग थे जो हंसने लगे और कहा कि ये दिल्ली के डिप्टी कमिश्नर हैं। वे कहने लगे कि तभी मैं सोच रहा था कि एक ऐक्टर को इतना कुछ कैसे पता है। उन्होंने पूछा- आप ऐक्टिंग करना चाहोगे? हमारी वेब सीरीज में एक किरदार है जो आईएएस ऑफिसर का ही है। आपकी बॉडी लैंग्वेज देखकर ऐसा लगता है कि आप उस किरदार में फिट हो और कैरक्टर रियल लगेगा।’
अभिषेक ने ऐक्टिंग के इस ऑफर पर बातें करते हुए कहा, ‘मैंने कभी ऐसा कुछ किया नहीं था तो जवाब समझ नहीं आया। मुकेश छाबड़ा ने कहा- हम 2-3 लाइन आपको देते हैं, कैमरे पर बोलकर देखो। मुझे भी नई चीजें करने का शौक रहा है तो स्क्रीन टेस्ट दिया औऱ सबको पसंद आ गई। इसके बाद मुझे शॉर्ट फिल्म का ऑफर हुआ और मैंने वो भी कर ली। यहां से काफी कुछ सीखा, जिसका फायदा मुझे दिल्ली क्राइम की शूटिंग के वक्त मिला।’
उन्होंने बताया, ‘दिल्ली क्राइम शूट करते-करते ये गाना ऑफर हुआ। टीम किसी ऐसे को ढूंढ रही थी जो नॉर्मल बॉलिवुड के लोगों से थोड़ा अलग हो तो उन्हें मैं पसंद आ गया।’
अभिषेक ने बताया कि अब वह शादीशुदा हैं और उनकी पत्नी भी आईएएस ऑफिसर हैं और उन्हें चार साल की एक बेटी भी है।