'जेल का ताला टूट…' दुबे की रिहाई पर वह जश्न

सुमित शर्मा, कानपुर
हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे की जीवन शैली किसी फिल्मी पटकथा से कम नहीं थी। विकास दुबे का एक और वीडियो वायरल हुआ है। कानपुर देहात की माती जेल से छूटने के बाद जब वो अपने गांव बिकरू पहुंचा तो, पूरे गांव में उसकी जयकार होने लगी। विकास के समर्थक पूरे गांव में मिठाई बांटते हैं। गांव में दाखिल होते ही आतिशबाजी का दौर शुरू हो जाता है। उसके गुर्गे नारे लगाते है कि ‘जेल का ताला टूट गया, शेर हमारा छूट गया’। वहीं इस वीडियो में विकास बड़ों का आशीर्वाद लेते हुए नजर रहा है।

हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे पर इतनी संगीन धाराओं में मुकदमे होने के बावजूद भी जमानत कैसे हुई, इस पर सुप्रीम कोर्ट ने भी सवाल उठाए हैं। विकास दुबे की जेल से जमानत के बाद उसका एक वायरल वीडियो चर्चा का विषय बना हुआ है। सूत्रों की माने तो विकास दुबे की जब जमानत हुई थी, तो सैकड़ों लोग फूल माला और मिठाई लेकर उसके स्वागत में खड़े थे। विकास दुबे जैसे ही जेल के गेट से बाहर आया था, उसके स्वागत का सिलसिला शुरू हो गया था। जेल से लेकर बिकरू गांव तक उसका लोगों ने स्वागत किया था।

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सितंबर, 2019 में मिली थी जमानत
विकास दुबे को सितंबर 2019 में इलाहाबाद हाईकोर्ट से सप्लाई इंस्पेक्टर से मारपीट के मामले में जमानत मिली थी। इसके साथ ही विकास दुबे को हत्या के मामले में उम्र कैद की सजा होने के बाद भी उसे जमानत मिली थी। यूपी का यह बेखौफ बदमाश 8 पुलिसकर्मियों की हत्या कर देगा, किसी ने इसकी कल्पना भी नहीं की थी। विकास ने अपनी ब्लैक मनी और अपने राजनीतिक पावर का बखूबी तालमेल बैठाया था। यही वजह थी कि 60 से अधिक मुकदमे होने के बाद भी उसे जमानत मिल जाती, उसके लोकल थाने में टॉप टेन बदमाशों में नाम नहीं था।

बिकरू गांव में दबिश देने गई पुलिस पर घात लगाकर विकास दुबे ने अपने साथियों के साथ मिलकर 8 पुलिसकर्मियों की बेरहमी से हत्या कर दी थी। वारदात को अंजाम देने के बाद विकास दुबे फरार हो गया था। 9 जुलाई को विकास दुबे को मध्य प्रदेश पुलिस ने उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर से गिरफ्तार किया था। मध्य प्रदेश पुलिस ने विकास दुबे को यूपी एसटीएफ के हवाले कर दिया था।

कानपुर पुलिस विकास दुबे को सड़क के रास्ते लेकर आ रही थी। कानपुर सीमा में दाखिल होते ही सचेंडी के पास मवेशियों के सामने आ जाने के कारण पुलिस की गाड़ी पलट गई थी। मौके का फायदा उठाकर विकास दुबे इंस्पेक्टर की पिस्टल छीन कर भागने लगा। जब पुलिस ने उसे रोकने का प्रयास किया तो उसने पुलिस कर्मियों पर फायरिंग कर दी। पुलिस की जवाबी फायरिंग में विकास दुबे मारा गया।

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विकास दुबे समेत 6 का एनकाउंटर
बिकरू गांव हत्या कांड के बाद पुलिस ने विकास दुबे समेत 6 लोगों को एनकाउंटर में मार गिराया। पुलिस मुठभेड़ में मारे गए बदमाश उस रात विकास दुबे के साथ मिलकर पुलिसकर्मियों की हत्या की थी। विकास दुबे के मामा प्रेमप्रकाश पांडेय, विकास का भतीजा अतुल दुबे, विकास का राइट हैंड अमर दुबे, प्रभात मिश्रा, रणविजय उर्फ बउआ और विकास दुबे को पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया।

गुर्गो से घिरा रहता था विकास दुबे
हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे जब भी घर से बाहर निकलता था, तो हथियारों से लैस उसके गुर्गे चारों तरफ से घेरे रहते थे। जिसकी वहज से गांव का कोई भी शख्स उससे बोलने में घबराता था। विकास दुबे की मर्जी के बिना गांव में पत्ता भी नहीं हिलता था। विकास के गुर्गों का गांव में आतंक था, ये गुर्गे विकास के नाम की दहशत को बरकरार रखने का काम करते थे।

घर पर थी चौपाल, झगड़ों का होता था निपटारा
विकास दुबे के किलेनुमा घर पर जनता दरबार भी लगता था। अपराध की दुनिया से ताल्लुक रखने वाले विकास दुबे की राजनीतिक पकड़ भी मजबूत थी। पत्नी जिला पंचायत सदस्य थी। गांव के छोटे-छोटे झगड़े, भाइयों में खेती का बंटवारा, सड़क, नाली खड़ंजा के विवाद विकास दुबे के किलेनुमा घर में लगने वाली चौपाल में ही निपटा लिए जाते थे।

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