कोरोना: UP सरकार ले आई नई डिस्‍चार्ज पॉलिसी

लखनऊ
वायरस संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। इस दौरान काफी मरीजों में कोरोना के लक्षण नहीं दिख रहे हैं। ऐसे में यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार ने जारी की है। इसके तहत होम आइसोलेशन के लक्षण विहीन मरीजों को 10 दिन होम आइसोलेशन के बाद 7 दिन होम क्वारंटीन रहना होगा। इसके अलावा फैसिलिटी आइसोलेशन के लक्षण विहीन (एसिम्प्टोमिक) मरीजों को भी भर्ती होने के 7 दिन में डिस्चार्ज किया जा सकेगा।

जानकारी के मुताबिक, होम आइसोलेशन के मरीज के लिए घर में अलग कमरा और बाथरूम जरूरी है। इसके साथ ही एक तीमारदार भी होना चाहिए। होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीजों के लिए एक किट भी दी जाएगी। जिसे आशा बहू या एएनएम के माध्यम से घर तक पहुंचाया जाएगा। इसमें मास्क, सैनिटाइजर और इम्यूनिटी बढ़ाने की दवा होगी। सांस लेने में तकलीफ या बुखार जैसी दिक्कत पर करीबी सीएचसी, पीएचसी या जिला अस्पताल को सूचना देनी होगी। इसके साथ ही सेहत के बारे में रोज अपडेट भी करना होगा।

लखनऊ में होम आइसोलेशन की अनुमति
उधर, शासन से आदेश मिलने के बाद मंगलवार से राजधानी लखनऊ में होम आइसोलेशन की अनुमति दे दी गई है। इसके साथ ही बड़ी संख्या में कोराना संदिग्ध और संक्रमित होम आइसोलेशन की डिमांड कर रहे हैं। सीएमओ ऑफिस ने गाइडलाइन का सख्ती से पालन करने का निर्देश देते हुए पहले दिन 80 लोगों को अनुमति दी है।

पहले दिन सौ लोगों को अनुमति देने का टारगेट
सीएमओ डॉ. नरेंद्र अग्रवाल के मुताबिक मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए होम आइसोलेशन शुरू किया गया है। पहले दिन सौ लोगों को अनुमति देने का टारगेट रखा गया था। हालांकि गाइडलाइन पूरा करने वाले अस्सी लोगों को ही अनुमति दी गई है। इस दौरान कोरोना के लक्षण सामने न आने और हालत गंभीर न होने पर ही अनुमति दी जाएगी।

मरीज के होम आइसोलेट होने की इच्छा जताने पर होगी प्रक्रिया
सीएमओ के मुताबिक रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद मरीज से पूरी जानकारी ली जा रही है। इसके साथ ही मरीज के होम आइसोलेट होने की इच्छा जताने पर ही आगे की प्रक्रिया की जाती है। इस दौरान लोकल डॉक्टर का रिकमन्डेशन और शपथ पत्र भी लिया जाता है।

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