छत्तीसगढ़ सरकार ने भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ाने एवं ग्रामीण अर्थव्यवस्था में बदलाव की उम्मीद से प्रदेश में गोधन न्याय योजना की शुरुआत की है, जिसके तहत राज्य सरकार पशुपालकों से दो रुपये प्रति किलो की दर से गोबर की खरीद करेगी, जिससे जैविक खाद तैयार किया जाएगा। इस दौरान मुख्यमंत्री ने एकदम देसी अंदाज में हरेली का पर्व मनाया। उन्होंने गेड़ी (बांस के डंडे पर चलना) चलाई, लट्टू घुमाया और मेले पर लगने वाले झूले पर सभी मंत्री और परिवारजनों के साथ दिखाई दिए।
मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि इस योजना के जरिए गौठान बनाए जाएंगे। दो रुपये प्रति किलो की दर से गोबर खरीदा जाएगा और गोबर से बनने वाली वस्तुएं तैयार की जाएंगी। देश में यह अपनी तरह की पहली गोधन न्याय योजना है, जिसकी शुरुआत छत्तीसगढ़ में हुई है। लोक पर्व हरेली के अवसर पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सांकेतिक रूप से गोबर खरीद कर इसकी शुरुआत की।
गोधन न्याय योजना से बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसरों का भी सृजन होगा
अधिकारियों के अनुसार, इस योजना का उद्देश्य पशुपालन को बढ़ावा देने के साथ-साथ कृषि लागत में कमी और भूमि की उर्वरा शक्ति में बढ़ोतरी करना है। उन्होंने बताया कि इस योजना से पर्यावरण में सुधार के साथ-साथ ग्रामीण अर्थव्यवस्था में भी बड़े बदलाव की उम्मीद है। गोधन न्याय योजना से बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसरों का भी सृजन होगा।
सीएम ने नए साल के पहले त्योहार की बधाई
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने प्रदेश वासियों को नए साल के पहले त्योहार की बधाई देते हुए कहा कि यह योजना संकट के समय किसानों और पशुपालकों के लिए वरदान साबित होगी और यह ग्रामीण अर्थव्यवस्था के संजीवनी बनेगी।