उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण जल्द शुरू होने वाला है। 18 जुलाई को मंदिर निर्माण को लेकर रामजन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट की अयोध्या में बैठक की गई। इस मीटिंग में मंदिर की संरचना को लेकर महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। साथ ही मंदिर के भूमिपूजन की तारीख 5 अगस्त तय की गई।
सुप्रीम कोर्ट की ओर से मंदिर के पक्ष में फैसला आने के बाद से ही मंदिर निर्माण की कवायद शुरू हो गई है। कोर्ट के ही आदेश पर मंदिर निर्माण के लिए रामजन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट का गठन किया गया। ट्रस्ट के लोगों का कहना है कि मंदिर के नक्शे पर अंतिम मुहर लगने के तीन से साढ़े तीन साल के अंदर मंदिर निर्माण का काम पूरा हो जाएगा।
अयोध्या में बीते 18 जुलाई को राम मंदिर ट्रस्ट के सदस्यों की बैठक में मंदिर के भूमि पूजन की तारीख तय कर दी गई। ट्रस्ट की ओर से 3 और 5 अगस्त का प्रस्ताव रखा गया था। इनमें से 5 अगस्त की तारीख को पीएमओ की मंजूरी मिली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंदिर के भूमिपूजन कार्यक्रम में शामिल होंगे। इसके अलावा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी भूमि पूजन के दौरान मौजूद रहेंगे।
राम मंदिर पर फैसला आने के बाद से सबसे ज्यादा चर्चा मंदिर के स्वरूप को लेकर है। आखिर मंदिर कैसा होगा? यह सवाल हर किसी के जेहन में है। मंदिर को लेकर अब तक विश्व हिंदू परिषद का मॉडल हमारे सामने था लेकिन अब इसमें बदलाव किए जाने की तैयारी है। मंदिर के इस मॉडल के शिल्पकार चंद्रकांत सोमपुरा हैं। मंदिर को और भव्य बनाने की तैयारी है।
राम मंदिर के पुराने मॉडल से नया मॉडल अलग है। नए वाले मॉडल में राम मंदिर की ऊंचाई, चौड़ाई और लंबाई तीनों ही बढ़ा दी गई हैं। मंदिर अब दो मंजिल की जगह तीन मंजिल का होगा। दरअसल, मंदिर की ऊंचाई में 33 फीट की वृद्धि की जा रही है। इस वजह से एक और मंजिल बढ़ाई जा रही है।
मंदिर के पुराने मॉडल के हिसाब से मंदिर की लंबाई 268 फीट 5 इंच थी। इसे बढ़ाकर 280-300 फीट किया जा सकता है। इसके अलावा मंदिर की चौड़ाई को भी बढ़ाकर 272-280 फीट के आसपास किया जा सकता है। यह चौड़ाई पहले 140 फीट प्रस्तावित थी। मंदिर की ऊंचाई को भी 128 फीट से बढ़ाकर 161 फीट किया जा सकता है।
राम मंदिर के पहले वाले मॉडल में तीन गुंबद प्रस्तावित थे। बताया जा रहा है कि तीन मंजिला मंदिर में अब 5 गुंबद रहेंगे।
राम मंदिर के नए मॉडल के मुताबिक, पूरे मंदिर में कुल 318 स्तंभ होंगे। मंदिर के प्रत्येक तल पर 106 स्तंभ बनाए जाएंगे।
राम मंदिर के वीएचपी मॉडल को वास्तुकार चंद्रकांत सोमपुरा ने तैयार किया था। नए मॉडल पर भी वही काम कर रहे हैं। इसके अलावा उनके बेटे निखिल और आशीष सोमपुरा भी इस पर काम करेंगे। 18 जुलाई की ट्रस्ट की मीटिंग में दोनों को भी बुलाया गया था। निखिल और आशीष इंजीनियर हैं और दोनों ही मंदिर के नक्शे में किए गए बदलाव पर काम करेंगे।
मंदिर के शिल्पकार सोमपुरा के मुताबिक, मौजूदा डिजाइन के हिसाब से मंदिर निर्माण में कम से कम 100 करोड़ रुपये की लागत आ सकती। यह खर्च बढ़ भी सकता है। निर्धारित समय सीमा के भीतर निर्माण पर ज्यादा संसाधन और बजट की जरूरत पड़ सकती है।
राम मंदिर के नए मॉडल में उसकी ऊंचाई बढ़ाई गई है लेकिन फिर भी यह भारत में सबसे ऊंचे शिखर वाला मंदिर नहीं होगा। हिमाचल के सोलन में भारत का सबसे ऊंचा मंदिर है। यह मंदिर 39 साल में बनकर तैयार हुआ था।