के लिए भूमि पूजन 5 अगस्त को होगा। राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से प्रधानमंत्री कार्यालय को 3 और 5 अगस्त की तारीख भेजी गई थी। पीएमओ ने 5 अगस्त को चुना है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस भूमि पूजन में शिरकत करेंगे। शनिवार को मंदिर ट्रस्ट की बैठक के बाद दो तारीखें तय की गई थीं। सर्किट हाउस में हुई बैठक में चंपत राय के अलावा अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी, कामेश्वर चौपाल, नृत्यगोपाल दास, गोविंद देव गिरी महाराज और दिनेंद्र दास समेत दूसरे ट्रस्टी मौजूद रहे।
भूमि पूजन में पीएम को बुलाने की थी डिमांडट्रस्टी नृत्यगोपाल दास ने पीएम मोदी से भूमि पूजन में शामिल होने का निवेदन किया था। रामलला मंदिर के प्रधान पुजारी सत्येंद्र दास मांग करते रहे थे कि ट्रस्ट की बैठक में पीएम का कार्यक्रम तय किया जाए, जिससे मंदिर का निर्माण जल्द शुरू हो सके। वहीं जगद्गुरू राम दिनेशाचार्य ने कहा कि संत चाहते हैं कि पीएम मंदिर निर्माण जल्द शुरू करवाएं। दूसरी ओर, बाबरी मंस्जिद के पक्षकार रहे इक़बाल अंसारी ने भी कहा कि वे पीएम मोदी का अयोध्या में स्वागत करना चाहते हैं।
पीएम के पूर्व प्रधान सचिव कर चुके दौराप्रधानमंत्री के पूर्व प्रधान सचिव और मंदिर ट्रस्ट की निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने गुरुवार को अयोध्या का दौरा किया था। उनके साथ बीएसएफ के पूर्व महानिदेशक और राम जन्मभूमि ट्रस्ट के सुरक्षा सलाहकार के के शर्मा भी थे। सर्किट हाउस में ट्रस्ट के सदस्यों के साथ करीब दो घंटे तक बैठक के बाद उन्होंने कहा कि मंदिर के डिजाइन और मॉडल पर एकमत होना इसलिए भी जरूरी है ताकि इंजिनियर इसे फाइनल रूप दे सकें।
विकास कार्यों का जायजा भी लेंगे पीएमनृपेंद्र मिश्रा ने कहा कि अयोध्या को विश्व धरोहर के साथ एक पर्यटन नगरी के रूप मे विकसित करना है, ऐसे में मंदिर निर्माण में कला और संस्कृति का पूरा ध्यान रखना जरूरी है। मिश्र ने यह भी कहा कि अगर प्रधानमंत्री मोदी अयोध्या आते हैं तो वह मंदिर के साथ 70 एकड़ के परिसर में होने वाले विकास कार्यों का भी निरीक्षण करेंगे।
मंदिर में तीन के बजाय होंगे पांच गुंबदराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य कामेश्वर चौपाल ने बताया, “राम मंदिर 161 फीट ऊंचा होगा और इसमें तीन की बजाय अब पांच गुंबद बनाए जाएंगे।” राम मंदिर का मॉडल विश्व हिंदू परिषद का ही रहेगा, लेकिन उसकी लंबाई, चौड़ाई और ऊंचाई बढ़ जाएगी। मंदिर निर्माण में तीन से साढ़े तीन वर्ष लगेगा। कोरोना के कारण निर्माण में देरी हो गई है। पत्थर मंगाए जाएंगे इसके लिए कमेटी बनायी गयी है। परिसर बढ़ाए जाने की कोई बात नहीं हुई है।