नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने दिसंबर से पहले नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (NCP) का जनरल कन्वेन्शन करने का प्रस्ताव दिया है। उन्होंने शनिवार को पार्टी के सचिवालय में एक बैठक के दौरान यह प्रस्ताव दिया है। ओली को लंबे वक्त से पीएम पार्टी अध्यक्ष पद छोड़ने का दबाव विरोधी खेमे के पुष्प कमल दहल और सीनियर नेता माधव कुमार नेपाल से मिल रहा है।
दहल माने, माधव को शक
आखिरी बार NCP का कन्वेन्शन 2017 में चुनावों से पहले हुआ था जब ओली की CPN-UML और दहल की CPN (माओवादी सेंटर) का विलय हो गया था और NCP बनी थी। न्यूज पोर्टल myRepublica के मुताबिक 9 सदस्यों वाले सचिवालय के ज्यादातर सदस्यों ने ओली के प्रस्ताव का समर्थन किया है। हालांकि, माधव और झाल नाथ ने करोना वायरस महामारी को देखते हुए इसकी संभावना को लेकर चिंता जताई है।
वहीं, पार्टी के अंदरूनी नेताओं का कहना है कि नए प्रस्ताव की मदद से ओली को सत्ता में रहने का मौका मिल सकता है क्योंकि दहल खुद इसके समर्थन में हैं। माधव को शक है कि ओली और दहल के बीच कोई डील अंदर ही अंदर हो गई है।
राष्ट्रपति को बनाया गवाह
स्टैंडिंग कमिटी की शनिवार को हुई बैठक के बाद ओली और दहल राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी से उनके आवास पर मिलने पहुंचे और मीटिंग के बारे में बताया। माना जा रहा है कि राष्ट्रपति को इसमें गवाह की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है क्योंकि दहल पहले आरोप लगाते रहे हैं कि ओली अपने वादे नहीं निभाते। पार्टी की स्टैंडिंग कमिटी में रविवार को विवादित मुद्दों पर चर्चा की जा सकती है।