कुख्यात गैंगस्टर गीता अरोड़ा उर्फ सोनू पंजाबन ने तिहाड़ जेल में आत्महत्या की कोशिश की है। तबीयत खराब होने पर उसे दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल में भर्ती कराया गया। अब उसकी हालत ठीक है और आज डिस्चार्ज किया जा सकता है। जेल सूत्रों के मुताबिक, सोनू पंजाबन ने सिरदर्द की शिकायत की थी। उसे जो दवाइयां दी गईं वो उसने एकसाथ लेकर जान देने की कोशिश की। हालांकि जेल के अडिश्नल आईजी राजकुमार ने ऐसी किसी बात से इनकार किया। उन्होंने कहा कि सोनू ने सिरदर्द की गोलियां कुछ ज्यादा खा लीं, और कोई बात नहीं है।
अगली सुनवाई में होगा सजा का ऐलानसोनू और उसका एक साथी संदीप किडनैपिंग और देह व्यापार से जुड़े एक केस में दोषी करार दिए गए हैं। नजफगढ़ में रहने वाली एक 17 साल की लड़की का किडनैप कर उसे वेश्यावृत्ति के लिए मजबूर किया गया। संदीप वो लड़का है जिसने पीड़िता को प्यार में जाल में फंसाया था। जांच में पता चला कि लड़की को दिल्ली के अलावा यूपी, हरियाणा में कई जगहों पर बेचा गया। लड़की बार-बार दुष्कर्म का शिकार हुई। किसी तरह भागकर अपने घर पहुंची और पूरी बात बताई। पुलिस ने सोनू को दिल्ली में उसके ठिकाने से दबोचा तो उसके मानव तस्करी गैंग का भांडाफोड़ हुआ। उसने देशभर में अपना जाल फैला रखा था।
संदीप ने फंसाया, सोनू ने बर्बाद की जिंदगीपीड़िता ने भागने के बाद, 2014 में यह शिकायत दर्ज करवाई थी। लड़की के मुताबिक, 2006 में स्कूल में पढ़ने के दौरान संदीप ने उससे प्यार का नाटक किया और शादी का झांसा देकर एक घर में रेप किया। जिस घर में रेप किया गया वह सीमा नाम की महिला का था, जिसने उससे जबरन देह व्यापार करवाया और फिर मनीषा नाम की महिला को बेच दिया। मनीषा से वह लड़की सोनू पंजाबन तक पहुंच गई। सोनू उसे नशा देकर अलग-अलग मर्दों के साथ संबंध बनाने को मजबूर करती थी। फिर पंजाबन ने उसे किसी अन्य को बेच दिया था। इस बीच लड़की को कई जगह खरीदा-बेचा गया। उनमें से एक ने उससे शादी भी कर ली थी। आखिर में लड़की 2014 में उन लोगों के चंगुल से निकल गई और शिकायत दर्ज करवाई।
बेहद शातिर तरीके से धंधा करती है सोनू पंजाबनसोनू पर सैक्स रैकेट चलाने के कई केस दर्ज हैं, जिनमें वह आसानी से जमानत पर बाहर आती रही है। लेकिन इस केस में सजा होने से उसका जेल जाना तय है। पुलिस का कहना है कि सोनू देह व्यापार का धंधा संगठित तरीके से करती रही है। फ्रीलांस कॉलगर्ल्स को क्लाइंट्स के पास भेजती है, जिनमें ज्यादातर कॉलेज स्टूडेंट्स होती हैं। पुलिस कहती है कि वह उनसे वॉट्स ऐप मेसेज और विडियो कॉल के जरिए संपर्क में रहती थी। लड़कियों को क्लाइंट के पास भेजने के लिए 30 फीसदी कमिशन लेती थी, जो अमूमन 20 से 25 हजार रुपये के करीब होता। आमतौर पर यह लेन-देन ई वॉलेट और मोबाइल वॉलिट के जरिए करती थी, ताकि पुलिस को उसके खिलाफ कोई सबूत न मिले।