उत्तर प्रदेश के अयोध्या में रामजन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट की दूसरी बैठक में होने वाले फैसलों पर अयोध्या की निगाहें टिकी है। यहां के संतों में अब जल्द मंदिर निर्माण का शुभारंभ होने का इंतजार है। इस बीच ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास ने बैठक के पहले ही मंदिर का निर्माण शुरू करने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी को जल्द अयोध्या आने का निमंत्रण पत्र भेज दिया। इसने मामले को और गर्म कर दिया है। अब पीएम मोदी के कार्यक्रम की तिथि तय करने का विषय बैठक का महत्त्वपूर्ण मुद्दा बन गया है।
आज क्या तय होगा?
ट्रस्ट की बैठक शनिवार को दोपहर 3 बजे से शुरू होगी। ट्रस्ट के पदाधिकारी बैठक में मंदिर निर्माण से जुड़े कई अहम फैसले लिए जाने की बात कर रहे हैं। इस बीच आरएसएस के सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्ण गोपाल ने भी अयोध्या पहुंचकर मंदिर निर्माण से जुड़े वीएचपी नेताओं और संतों से मुलाकात की। वह ट्रस्ट की बैठक की तैयारी को लेकर कारसेवकपुरम् की बैठक में भी शामिल हुए। मंदिर का अजेंडा इसी मीटिंग के बाद फाइनल हुआ।
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मोदी आएंगे क्या?
मणिराम छावनी मठ के उत्तराधिकारी महंत कमल नयन दास ने कहा कि अब मंदिर निर्माण जल्द शुरू होगा। महंत नृत्यगोपाल दास ने पीएम को मंदिर की आधारशिला रखने के लिए निमंत्रण पत्र भेजा है। संतों की मांग है कि वे जल्द यहां आकर मंदिर का निर्माण शुरू करवाएं। पीएम पहले ही आने वाले थे लेकिन कोरोना संकट से मामला टल गया। अब प्रधानमंत्री के 3 या 5 अगस्त को अयोध्या आने की संभावना जताई जा रही है लेकिन ट्रस्ट की ओर से इस तिथि को अभी फाइनल नहीं किया गया है।
रामलला मंदिर के प्रधान पुजारी सत्येंद्र दास की मांग है कि ट्रस्ट की बैठक में पीएम का कार्यक्रम तय किया जाए, जिससे मंदिर का निर्माण जल्द शुरू हो सके। वहीं जगद्गुरू राम दिनेशाचार्य ने कहा कि संत चाहते हैं कि पीएम मंदिर निर्माण जल्द शुरू करवाएं। दूसरी ओर, बाबरी मंस्जिद के पक्षकार रहे इक़बाल अंसारी ने भी कहा कि वे पीएम मोदी का अयोध्या में स्वागत करना चाहते हैं। मंदिर निर्माण को लेकर जो संत समाज चाहता है, वही मैं भी चाहता हूं। अंसारी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट से जो 5 एकड़ भूमि मुस्लिम समाज को दी गई है, उस मस्जिद की भूमि पर एक अस्पताल और एक स्कूल का निर्माण किया जाए।
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पहले कोरोना का मुकाबला
राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट की बैठक में शामिल होने पहुंचे ट्रस्ट के सदस्य कामेश्वर चौपाल ने कहा पीएम मोदी के कर कमलों से अगर मंदिर के गर्भगृह का पूजन और मंदिर निर्माण का शुभारंभ होता है तो इससे अच्छा कुछ नहीं है। उन्होंने बताया कि मंदिर का शिला-पूजन सिंह द्वार के शिलान्यास के साथ हो चुका है। अब गर्भगृह का पूजन होना है। उन्होंने कहा कि देश-प्रदेश काल की परिस्थिति को देखते हुए ट्रस्ट ने इसके भूमि पूजन कार्यक्रम को टाल दिया था। फिलहाल, देश के सामने जो संकट है, सबसे पहले उसका मुकाबला करना है।
मंदिर कैसा होगा?
गुरुवार को अयोध्या पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी के पूर्व प्रधान सचिव और मंदिर ट्रस्ट की निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने सर्किट हाउस में ट्रस्ट के सदस्यों के साथ करीब दो घंटे तक बैठक की थी। उन्होंने कहा कि मंदिर के डिजाइन और मॉडल पर एकमत होना इसलिए भी जरूरी है ताकि इंजिनयर इसे फाइनल रूप दे सकें। मिश्र ने कहा कि अयोध्या को विश्व धरोहर के साथ एक पर्यटन नगरी के रूप मे विकसित करना है। ऐसे में मंदिर निर्माण में कला और संस्कृति का पूरा ध्यान रखना जरूरी है।
मंदिर कब बनना शुरू होगा?
सुप्रीम कोर्ट का मंदिर के पक्ष में फैसला आने के बाद से ही मंदिर निर्माण की कवायद शुरू कर दी गई लेकिन मंदिर निर्माण की तारीख का अभी ऐलान नहीं किया गया है। संभावना है कि निर्माण काम शुरू होने के कार्यक्रम का ऐलान शनिवार की मीटिंग में किया जाएगा। अगले महीने से मंदिर निर्माण शुरू किया जा सकता है।