पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के गृहराज्य में मिली गौतम बुद्ध की एक प्राचीन प्रतिमा को तोड़ दिया गया। पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यह प्राचीन मूर्ति मर्दन जिले के तख्त भाई क्षेत्र में एक घर के निर्माण के दौरान मिली। जिसे स्थानीय मौलवी के गैर इस्लामी बताने पर निर्माण में लगे श्रमिकों ने हथौड़ों की मदद से तोड़ दिया।
घर के निर्माण के दौरान मिली थी मूर्ति
रिपोर्ट्स के अनुसार, जिस क्षेत्र में इस घर का निर्माण कार्य चल रहा था वह प्राचीन गांधार सभ्यता का हिस्सा है। ईसा के 200 साल पहले इस क्षेत्र में बौद्ध धर्म बहुत लोकप्रिय था। माना जा रहा है कि यह मूर्ति भी उसी समय के आसपास की थी। श्रमिकों के मूर्ति को तोड़ने का विडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
पाकिस्तानी अधिकारियों ने कहा- करेंगे कार्रवाई
घटना के बारे में पूछे जाने पर पाकिस्तान पर्यटन विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि हमें भी इस घटना का पता चला है। इस मामले को हमारी टीम देख रही है। वहीं, खैबर पख्तूनख्वा पुरातत्व और संग्रहालय के निदेशक अब्दुल समद ने कहा कि जहां यह घटना हुई उस इलाके के बारे में अधिकारियों ने पता लगा लिया है। मूर्ति तोड़ने में जो लोग भी शामिल हुए हैं उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
पाकिस्तान में यहां मिली बुद्ध की मूर्ति
पुरातात्विक रूप से महत्वपूर्ण है यह क्षेत्र
खैबर पख्तूनख्वा का तख्त भाई इलाका गांधार सभ्यता के प्राचीन अवशेषों के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध है। 1836 में इस इलाके में पहली बार खुदाई की गई थी, जिसमें मिट्टी, प्लास्टर और टेराकोटा से बने सैकड़ों अवशेष मिले थे। हालांकि सरकार द्वारा इस क्षेत्र में ध्यान न देने के कारण यह प्राचीन स्थल बदहाली झेल रहा है।
क्या है इस इलाके का इतिहास
खैबर पख्तूनख्वा वर्तमान में अफगानिस्तान सीमा पर स्थित है। इस क्षेत्र का इतिहास 2000 साल पुराना है। सातवीं सदी ईसापूर्व में यह गांधार महाजनपद के नाम से जाना जाता था। ईसा के 200 साल पहले बौद्ध धर्म यहाँ बहुत लोकप्रिय हुआ। मौर्यों के पतन के बाद इस इलाके को कुषाणों ने अपनी राजधानी बनाया। सातवीं सदी में चीन से आए पर्यटकों ने इस क्षेत्र का उल्लेख किया है। 11वीं सदी में इस इलाके में पहली बार इस्लाम का आगमन हुआ।