बोर्ड के एक अधिकारी ने पीटीआई को बताया, ‘नाइकी का चार साल का 370 करोड़ रुपये का करार था जिसकी 30 करोड़ रुपये रॉयल्टी थी। अब वे एक अक्टूबर से शुरू हो रहे नए चक्र के लिए ताजा प्रस्ताव नहीं भेजेंगे। एपेक्स काउंसिल ने तय किया है कि नए टेंडर मंगाए जाएंगे। नाइकी भी नई बोली लगा सकता है।’
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नैशनल क्रिकेट अकैडमी को भी बेंगलुरु में नई जगह पर स्थानांतरित करने पर बात की गई। अधिकारी ने कहा, ‘हालात सुधरने पर राज्य सरकार के संबद्ध विभाग को नई निर्माण योजना भेजी जाएगी जिसके बाद काम शुरू होगा।’
घरेलू कैलेंडर को लेकर हालांकि कोई फैसला नहीं हो सका। अधिकारी ने कहा, ‘दिसंबर-जनवरी में कोरोना वायरस महामारी की क्या स्थिति होगी, उसकी जानकारी के बिना कैलेंडर बनाने का क्या मतलब है। इसे हलके में नहीं लिया जा सकता। पुरुष क्रिकेट के कार्यक्रम से दलीप ट्रोफी और विजय हजारे ट्रोफी हटाई जाएंगी।’
घरेलू कैलेंडर छोटा होने पर फर्स्ट क्लास क्रिकेटरों को 8-10 लाख रुपये नुकसान हो सकता है। अधिकारी ने यह भी बताया कि भारतीय टीम के ट्रेनिंग कैंप के लिए फिलहाल सिर्फ अहमदाबाद के मोटेरा स्टेडियम पर विचार किया जा रहा है जो देश का सबसे बड़ा क्रिकेट स्टेडियम है।
उन्होंने कहा, ‘मोटेरा स्टेडियम के भीतर ही 60 कमरे हैं जिससे ‘बायो बबल’ बनाने में आसानी होगी। दुबई के नाम पर तो चर्चा भी नहीं हुई। दूसरा विकल्प धर्मशाला था।’