पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के विधायक का शव उनके घर के बाहर लटकता हुआ पाया गया था। मामले की जांच सीआईडी कर रही है। अब देबेंद्र नाथ रॉय की पत्नी चंदिमा रॉय ने कलकत्ता हाई कोर्ट में याचिका दी है। इस याचिका में उन्होंने मांग की है कि उनके पति की मौत के केस की जांच से कराई जाए। उनका कहना है कि यह आत्महत्या नहीं हत्या है। देबेंद्र नाथ के शव से कथित तौर पर एक सूइसाइड नोट भी मिला था। इसी वजह से बंगाल की सीएम ममता बनर्जी इसे आत्महत्या बता रही हैं।
13 जुलाई को हेमताबाद सीट से बीजेपी के विधायर देबेंद्र नाथ रॉय उत्तरी दिनाजपुर जिले में अपने घर के पास फंदे से लटके मिले थे। इस संबंध में एक अधिकारी ने बताया कि निलय सिन्हा नाम के व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है, जिसका नाम कथित सूइसाइड नोट में था। रायगंज अदालत ने उसे 10 दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया है। सीआईडी महबूद अली नाम के व्यक्ति की भी तलाश कर रही है क्योंकि उसका नाम भी विधायक की कमीज की जेब से कथित सुसाइड नोट में था।
बीजेपी ने लगाया आरोप- टीएमसी ने कराई हत्या
देबेंद्र नाथ की मौत के मामले में उनके घरवालों और बीजेपी नेताओं ने आरोप लगाया है कि यह ‘तृणमूल कांग्रेस की तरफ से की गई निर्मम हत्या है।’ वहीं, सत्तारूढ़ पार्टी ने आरोपों से इनकार किया और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि यह आत्महत्या का संदिग्ध मामला है। पश्चिम बंगाल पुलिस ने कहा था कि उनकी कमीज की जेब से एक सूइसाइड नोट मिला, जिसमें उन्होंने दो लोगों को उनकी मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया।
बीजेपी ने भी कहा है कि उन्हें विधायक की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट पर भरोसा नहीं है, जिसमें कहा कि विधायक की मौत फंदे पर झूलने की वजह से हुई और उनके शरीर पर चोट का कोई निशान नहीं है। बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव राहुल सिन्हा ने मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग करते हुए कहा कि पुलिस और प्रशासन हत्या को आत्महत्या दिखाने का प्रयास कर रहा है। सिन्हा ने कहा कि राज्य पुलिस और प्रशासन इस मामले पर लिपापोती करना चाहते हैं। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में हत्या को आत्महत्या बताया गया है। हमें इस रिपोर्ट पर कोई भरोसा नहीं है।