युद्धाभ्यास पर आमने-सामने रूस-यूक्रेन, तनाव

अमेरिका से लगातार बढ़ते तनाव के बीच रूसी सेना यूक्रेन की सीमा पर महायुद्धाभ्यास कर रही है। इस मेगा मिलिट्री ड्रिल में सैकड़ों की संख्या में जंगी युद्धपोत, फाइटर जेट और लाखों सैनिक हिस्सा ले रहे हैं। पोलैंड में अमेरिकी सैनिकों की तैनाती और बाल्टिक सी क्षेत्र में बढ़ते यूरोपीय देशों के दखल से रूस सतर्क हो गया है। इधर यूक्रेन भी क्रीमिया तनाव के बाद अमेरिका का घनिष्ठ सहयोगी बन गया है। जिससे रूस की चिंताएं बढ़ गई हैं।

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने हाल में ही सेना को आदेश दिया था कि वह देश की सुरक्षा तैयारिकों को जांचने के लिए यूक्रेन की सीमा के नजदीक युद्धाभ्यास करे। रूसी रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु ने युद्धाभ्यास का बचाव करते हुए कहा कि यह ड्रिल सितंबर में होने वाले कॉकसस 2020 वॉरगेम की एक्सरसाइज का हिस्सा है। इससे हम अपने सैनिकों के तैयारिकों को जांच रहे हैं।

इधर रूसी युद्धाभ्यास से तमतमाए हुए यूक्रेन ने भी एक युद्धाभ्यास करने का ऐलान किया है। यूक्रेन के रक्षामंत्री एंड्री तरन ने घोषणा करते हुए कहा कि उनका देश भी इसी महीने एक मिलिट्री ड्रिल का आयोजन करेगा। वह इस युद्धाभ्यास में नाटों सदस्य देशों को भी आमंत्रित करने की योजना बना रहा है। अगर यूक्रेन के युद्धाभ्यास में नाटों सदस्य देश हिस्सा लेते हैं तो इस क्षेत्र की शांति और स्थिरता को खतरा पैदा हो सकता है।

यूक्रेन के रक्षा मंत्री ने आरोप लगाया कि रूस हमारे देश पर आक्रमण करने के लिए कॉकसस 2020 वॉर गेम्स को कवर से रूप में इस्तेमाल कर रहा है। क्योंकि इस क्षेत्र में रूसी समर्थित अलगाववादी पहले से ही यूक्रेन की सेना के साथ युद्ध लड़ रहे हैं। साल 2014 में रूस ने यूक्रेन के क्रीमिया पर हमला कर उसे कब्जे में ले लिया था।

रूसी रक्षा मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा कि इस युद्धाभ्यास में रूसी सेना के उत्तरी और पैसिफिक फ्लीट्स के एयरबॉर्न ट्रूप और मरीन इनफैंट्री सहित लगभग डेढ़ लाख सैनिक हिस्सा लेंगे। इस महायुद्धाभ्यास में 400 से ज्यादा लड़ाकू विमान और 100 से ज्यादा जंगी युद्धपोत भी शामिल होंगे।

रूसी सेना ने कहा कि इस युद्धाभ्यास का उद्देश्य देश की दक्षिण और पश्चिमी सीमा की सुरक्षा तैयारियों को जांचना है। हाल में ही इस क्षेत्र में अमेरिका के सैनिकों की तैनाती और सेंट पीटर्सबर्ग के आसपास बाल्टिक सी एरिया में अमेरिकी और यूरोपीय युद्धपोतों की आवाजाही से तनाव बढ़ गया है। इस कारण रूस ने भी पहली बार बाल्टिक सी एरिया में अपने परमाणु पनडुब्बी को तैनात किया है।

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