चीन ने अभी क्यों किया हमला, राहुल ने बतायाचीन के हमला करने की वजह पर बात करते हुए राहुल ने कहा कि ‘किसी राष्ट्र की रक्षा एक बिंदु पर टिकी नहीं होती, बल्कि यह कार्य कई शक्तियों का संगम होता है। ऐसे में देश की रक्षा विदेश संबंधों से होती है। इसकी रक्षा पड़ोसी राष्ट्रों से होती है। इसकी रक्षा अर्थव्यवस्था से होती है। इसकी रक्षा जनता की की भावनाओं से होती है, कि जनता का क्या दृष्टिकोण है। पिछले छह वर्षों में ऐसा क्या हुआ? उन सभी क्षेत्रों में भारत क्षतिग्रस्त और संकटग्रस्त हुआ।’
‘अमेरिका… रूस.. यूरोप..सबसे खराब हो गए रिश्ते’अपने वीडियो में राहुल कहते हैं कि पिछले छह साल में विदेश नीति को बहुत नुकसान पहुंचा है। उन्होंने कहा, “हमारे विदेशी संबंध विश्व के कई राष्ट्रों से बेहतर रहे हैं। हमारे रिश्ते अमेरिका से रहे हैं। मैं इसे रणनीतिक साझेदारी कहूंगा जो बहुत अहम है। हमारे रूस से रिश्ते थे, यूरोप से थे और ये सारे राष्ट्र हमारे सहयोगी थे। आज हमारे विदेशी संबंध मतलबपरस्त हो गए हैं। अमेरिका से हमारे वर्तमान रिश्ते लेन-देन पर आधारित हैं। रूस से भी हमारा संबंध संकटग्रस्त हुआ है। यूरोपीय राष्ट्रों से भी हमारे संबंध मतलबपरस्त हो गए हैं।”
मोदी सरकार ने पड़ोसी देशों से रिश्ते बिगाड़े : राहुलराहुल गांधी ने पड़ोसी देशों से संबंधों की बात करते हुए कहा, “नेपाल पहले हमारा करीबी दोस्त था। भूटान, श्रीलंका भी दोस्त थे। पाकिस्तान को छोड़कर हमारे सारे पड़ोसी राष्ट्र मिलकर भारत के साथ काम कर रहे थे। एक तरह से वे भारत को अपना साझेदार मानते थे। आज नेपाल हमसे नाराज है। आप नेपाल जाएं और नेपाली नागरिकों से बात करें। जो हुआ, उससे वे काफी गुस्से में हैं। श्रीलंका ने तो चीन को बंदरगाह तक दे दिया। मालदीव नाराज है, भूटान भी नाराज है।”
अर्थव्यवस्था की रफ्तार पर उठाए सवालकांग्रेस नेता ने कहा अर्थव्यवस्था को लेकर मोदी सरकार के पास ‘न तो दिशा और न ही दृष्टिकोण’ होने के आरोप लगाए। उन्होंने कहा, “पिछले 50 सालों की हमारी आर्थिक प्रगति अपने सबसे बुरे दौर में है। अर्थव्यवस्था का संपूर्ण विनाश। बेरोजगारी 40-50 साल के सबसे बुरे स्तर पर है। जब आप किसी राष्ट्र को देखते हैं तो आपको ये सारे फैक्टर्स ध्यान में रखना होता है।”