दक्षिण चीन सागर में तनाव अपने चरम पर है। अमेरिका के बाद अब ताइवान ने तामसुई नदी के पास जोरदार युद्धाभ्यास शुरू किया है। तामसुई नदी के ठीक दूसरी तरफ समुद्र उस पार चीन है। ताइवान के लड़ाकू हेलिकॉप्टर और फाइटर जेट जहां समुद्र के अंदर के भीषण बमबारी कर रहे हैं, वहीं तोपें आग उगल रही हैं। ताइवान पर कब्जे की धमकी देने वाली चीनी सेना इस शक्ति प्रदर्शन को चुपचाप देखने को मजबूर है।
दरअसल, ताइवान ने तामसुई के तट पर किसी भी चीनी हमले का जवाब देने के लिए वार्षिक युद्धाभ्यास शुरू किया है। Han Kuang ड्रिल नाम दिया गया है। इसका मंदारिन में अर्थ होता है- खोया हुआ क्षेत्र वापस हासिल करना। ताइवान की राष्ट्रपति त्साई इंगवेन ने इस अभ्यास पर कहा, ‘हम चाहते हैं कि दुनिया हमारी प्रतिबद्धता और अपने देश की रक्षा के प्रयासों को देखे।’ यह पांच दिनों तक चलने वाली सैन्य ड्रिल शुक्रवार को खत्म होने जा रही है। इस दौरान ताइवान चीन के किसी भी हमले का किस तरह बचाव करना है, उसकी प्रैक्टिस कर रही है।
बताया जा रहा है कि ताइवानर के गुवांडू एरिया कमांड ने मंगलवार दोपहर को तामसुई नदी से दुश्मन के घुसने की स्थिति में कैसे निपटना है, सैन्य उपकरणों के साथ इसका युद्धाभ्यास किया। इसी कमांड के पास तामसुई नदी की सिक्यॉरिटी का जिम्मा है। साथ ही ताइवान के राजनीतिक और आर्थिक केंद्र ताइपेई की सुरक्षा संभालता है। सेना के मुताबिक हमले की स्थिति में सेना तामसुई से 9 किमी दूर स्थित गुवांडू पुल को उड़ाया जा सकता है और उसके मलबे से दुश्मन को दाखिल होने से रोका जा सकता है। मिलिट्री न्यूज एजेंसी के मुताबिक ताइवान के गुवांडू एरिया कमांड ने नदी से दुश्मन के दाखिल होने की स्थिति से निपटने के लिए युद्धाभ्यास किया।
ताइवान के इस सैन्य ड्रिल में टैंक, तोपें, मिसाइल लॉन्चर, पनडुब्बी और फाइटर जेट तक हिस्सा ले रहे हैं। अभ्यास के दौरान एरिया कमांड ने हमले की जानकारी मिलने पर स्थानीय पुलिस और सिविल डिफेंस टीमों के साथ मिलकर दुश्मन को आगे बढ़ने से रोकने की कोशिश की। इसके लिए रास्ते में रुकावटें बनाई गईं और दुश्मन बल पर गोलीबारी के इस्तेमाल की प्रैक्टिस की गई। इस दौरान पानी और हवा, दोनों से दुश्मन पर नजर रखी गई। दुश्मन के फायरिंग रेंज में दाखिल होते ही पहली पंक्ति के सुरक्षाबल ने गोलियां बरसानी शुरू कर दीं। इसी दौरान CM-11 टैंकों और दूसरे वीइकल्स ने दुश्मन को आगे बढ़ने से रोका।
हॉन्ग कॉन्ग में चीन के क्रूर कार्रवाई के बाद अब ताइवान ड्रैगन के खिलाफ हर तरह की स्थिति के लिए खुद को तैयार कर रहा है। ताइवान की सेना के अभ्यास का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि वह देश की राष्ट्रपति को PLA के हाथों किडनैप होने की स्थिति से निपटने की प्रैक्टिस भी करेगा। इसके अलावा 10 साल में पहली बार लाइव टॉर्पीडो टेस्ट भी किया जाएगा। अमेरिका से मिले F-16V फाइटर जेट समुद्र और ताइवान के एयरस्पेस में पट्रोल करेंगे। यही नहीं, एक ऐसी बटालियन भी युद्धाभ्यास का हिस्सा होगी जिसमें स्नाइपर और सैनिक होंगे जो मानवरहित एयरियल वीइकल्स और पोर्टबल मिसाइल लॉन्चर्स को ऑपरेट करेंगे।
ताइवान पर जबरन कब्जे का सपना देख रही चीनी सेना इस युद्धाभ्यास के खिलाफ चाहकर भी कुछ नहीं कर पा रही है। चीनी सेना का एक जहाज इस इलाके में तैनात है लेकिन वह केवल ताइवान की गतिविधियों की निगरानी कर रहा है। दरअसल, चीन ताइवान को अपना हिस्सा मानता रहा है। 2 करोड़ 40 लाख की आबादी वाला ताइवान चीन की मुख्य भूमि से मात्र 160 किमी की दूरी पर स्थित है। दोनों के बीच ताइवान स्ट्रेट है जो उन्हें अलग करता है। चीन ताइवान पर कब्जा तो करना चाहता है लेकिन दक्षिण चीन सागर में इन दिनों दो अमेरिकी एयरक्राफ्ट करियर तैनात हैं। परमाणु ऊर्जा से चलने वाले ये अमेरिकी विमानवाहक पोत चीन के हमले की सूरत में उसे तबाह करने की क्षमता रखते हैं। इसी डर चीन चाहकर भी ताइवान के खिलाफ कोई एक्शन नहीं ले पा रहा है। अमेरिका ने इस अभ्यास को देखते हुए अपना जासूसी विमान भी लगातार इस इलाके में तैनात कर रखा है।