जोफ्रा आर्चर को अब पांच दिन तक क्वॉरंटीन पर रहना होगा और इस दौरान उनके कोविड-19 के लिए दो टेस्ट होंगे। जांच में नेगेटिव पाए जाने पर ही टीम में उनकी वापसी हो पाएगी। हालांकि, गलती का अहसास होते ही आर्चर ने बयान जारी करते हुए माफी मांगी है। बता दें कि कोरोना वायरस के खौफ की वजह से यह सीरीज जैव-सुरक्षित वातावरण में खेली जा रहा है।
आइए जानें, क्या होता है जैव-सुरक्षित वातावरण और खिलाड़ियों को किन नियमों का करना होगा पालन….
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जैव-सुरक्षित वातावरण क्या है?जैव-सुरक्षा हानिकारक जीवों (यहां कोरोनो वायरस को लेकर) की शुरुआत या प्रसार को रोकने के उद्देश्य से उपायों का एक सेट है। इसका उद्देश्य वायरस, बैक्टीरिया और सूक्ष्मजीवों के कारण लोगों या जानवरों के संक्रमित होने या जोखिम को कम करना है। इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) इसी तरह का एक सेटअप तैयार किया, जिसे जारी वेस्टइंडीज सीरीज में फॉलो किया जा रहा है। स्टेडियम से लेकर होटल का कमरा तक सेनेटाइज करने के अलावा खिलाड़ियों और संबंधित अधिकारियों, कर्मचारियों के लिए कड़े नियम बनाए गए हें।
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मैच के दौरान फॉलो हो रहे ये नियमजैव-सुरक्षित वातावरण नियमों के तहत दोनों टीमों के खिलाड़ियों को बाहर घूमने की आजादी नहीं है। खिलाड़ियों के अलावा मैच ऑफिशल्स को भी सोशल डिस्टैंसिंग का कड़ाई से पालन करना है। इसी नियम के तहत वेस्टइंडीज के खिलाड़ियों को इंग्लैंड पहुंचने के बाद तीन सप्ताह के लिए क्वॉरंटीना होना पड़ा था। गेंद चमकाने के लिए लार के इस्तेमाल पर पाबंदी है। इसके अलावा खिलाड़ी विकेट लेने के बाद हाथ मिलाकर जश्न नहीं मनाएंगे।
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स्टेडियम भी खालीइसके साथ ही खिलाड़ी एक दूसरे से हाथ भी नहीं मिलाएंगे। वहीं सभी तीन टेस्ट मैच बिना दर्शकों के खाली स्टेडियम में खेला जाएगा। मैच अधिकारियों, परिचालन कर्मचारियों, आवश्यक स्थल कर्मचारियों, प्रसारकों और मीडिया को नियामों का कड़ाई से पालन करना होगा। कॉमेंट्री के दौरान कॉमेंटेटेर एक-दूसरे से काफी दूर बैठ रहे हैं। प्रेस कॉन्फ्रेंस या पुरस्कार वितरण के दौरान भी इन नियमों का पालन किया जा रहा है।