कवि वरवर राव को कोरोना, दो साल से कैद हैं

पुणे
एल्गार परिषद और माओवादियों से संबंध होने के मामले में गिरफ्तार कवि और ऐक्टिविस्‍ट वरवर राव (80) भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। गत मंगलवार को उन्‍हें चक्‍कर आने की शिकायत के बाद जेजे अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अस्‍पताल के डीन डॉ. रंजीत मानकेश्‍वर ने बताया कि गुरुवार को वरवर राव की मेडिकल रिपोर्ट आई जिसमें उनके कोरोना पॉजिटिव होने का पता चला। उनका इलाज जारी है।

वरवर राव करीब दो साल से जेल में बंद हैं। उन्हें नवी मुंबई की तलोजा जेल में रखा गया है। उनके परिवार के सदस्यों ने जेल प्राधिकारियों से उन्हें तत्काल चिकित्सकीय सेवा मुहैया कराए जाने की मांग की थी। इसके बाद उन्‍हें जेजे अस्‍पताल में भर्ती कराया गया था। इससे पहले राव ने अस्थायी जमानत का अनुरोध करते हुए बंबई उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था और इसके लिए उन्होंने अपने बिगड़ते स्वास्थ्य एवं कोविड-19 की महामारी का हवाला दिया था। एक्टिविस्‍ट ने अदालत से यह भी अनुरोध किया था कि वह जेल प्राधिकारियों को उनका मेडिकल रेकॉर्ड पेश करने और उन्हें किसी अस्पताल में भर्ती कराए जाने का निर्देश दे।

एनआईए कर रही मामले की जांच
बता दें कि वरवर राव और नौ अन्य कार्यकर्ताओं को एल्गार परिषद-माओवादी संपर्क मामले में गिरफ्तार किया गया है। इस मामले की प्रारंभ में पुणे पुलिस ने जांच की थी लेकिन इस साल जनवरी में इसे राष्ट्रीय जांच एजेंसी को सौंप दिया। यह मामला 31 दिसंबर, 2017 में पुणे के एल्गार परिषद सम्मेलन में विवादित भाषण देने से जुड़ा है। पुलिस के अनुसार, इसी के बाद अगले दिन कोरेगांव भीमा वार स्मारक के पास हिंसा हुई थी। पुलिस ने यह भी दावा किया था कि इस सम्मेलन का जिन लोगों ने आयोजन किया था, उनका कथित रूप से माओवादियों से संबंध था।

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