कोरोना से प्रभावित देश की अर्थव्यवस्था को संकट से कैसे उबारा जाए, इसकी रणनीति तय करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वित्त मंत्रालय और वाणिज्य मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों के साथ मीटिंग कर रहे हैं। सूत्रों ने जानकारी दी है कि वो दोनों मंत्रालयों के टॉप 50 अधिकारियों से अर्थव्यवस्था की मौजूदा स्थिति के मद्देनजर भविष्य की रणनीति पर राय मांग रहे हैं।
इकॉनमी की चिंता, पीएम की मीटिंग पर मीटिंग
इसके लिए पीएम ने अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए डेढ़ घंटे तक बातचीत की। इस दौरान अधिकारियों ने प्रजेंटेशन के जरिए पीएम के साथ अपना-अपना आइडिया शेयर किया। इससे पहले, पीएम ने आर्थिक सलाहकार परिषद के साथ-साथ वित्त मंत्रालय और नीति आयोग के मुख्य एवं प्रधान आर्थिक सलाहकारों से भी अलग-अलग मीटिंग की थी।
20.97 लाख करोड़ का कोरोना पैकेज
सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री का पूरा ध्यान कोविड-19 महामारी के कारण उपभोक्ता मांग में आई तेज गिरावट से औंधे मुंह गिरी इकॉनमी में जान फूंकने पर है। इसी कारण सरकार ने मई महीने में 20.97 लाख करोड़ रुपये का कोरोना पैकेज घोषित किया था जो महामारी से निपटने के लिए दुनियाभर की सरकारों द्वारा घोषित बड़े पैकेज में एक है।
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आगे भी ऐलान की संभावना
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि सरकार भारतीय अर्थव्यवस्था पर कोविड-19 के असर का आकलन कर रही है। उन्होंने पैकेज की विस्तृत जानकारी देते वक्त कहा था कि जरूरत पड़ी तो आगे और भी कदम उठाए जाएंगे।
मोदी ने संभाली बागडोरदरअसल, पहले से ही हिचकोले खा रही भारतीय अर्थव्यवस्था को कोरोना ने जोरदार झटका दिया है जिससे ये पूरी तरह बेपटरी हो गई है। अब इसे पटरी पर लाने के लिए सरकार एड़ी-चोटी का जोर लगा रही है। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अर्थव्यवस्था उद्धार अभियान की बागडोर अपने हाथ में ले रखी है।