वेस्टइंडीज ने साउथैम्पटन में खेला गया पहला मैच चार विकेट से जीतकर तीन मैचों की सीरीज में 1-0 से बढ़त बनाई है। रूट अपने दूसरे बच्चे के जन्म के कारण उस मैच में नहीं खेल पाए थे। इंग्लैंड को उनकी कमी खली और पहली पारी में उसकी टीम 204 रन पर आउट हो गई। वेस्टइंडीज ने 318 रन बनाकर 114 रन की बढ़त ली जो आखिर में निर्णायक साबित हुई।
यह सीरीज कोरोना वायरस महामारी को देखते हुए जैव सुरक्षित वातावरण में खेली जा रही है। इन दोनों टीमों के बीच तीसरा मैच ओल्ड ट्रैफर्ड में ही 24 जुलाई से खेला जाएगा। वेस्टइंडीज को इंग्लैंड में 32 साल में पहली सीरीज जीतने के लिए इनमें से केवल एक मैच में जीत की जरूरत है।
इंग्लैंड ने पिछली दस सीरीज में आठवीं बार पहला टेस्ट मैच गंवाया और यह कहा जा सकता है कि वह ऐसी परिस्थितियों में वापसी करने का आदी है। हाल में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पहला टेस्ट गंवाने के बाद उसने शानदार वापसी करके 3-1 से जीत दर्ज की थी।
रूट के लिए जो डेनली को अपना स्थान छोड़ना पड़ सकता है जिन्होंने पहले मैच में 18 और 29 रन की पारियां खेली थी। रूट की वापसी से इंग्लैंड के मध्यक्रम को मजबूती मिलने की संभावना है जिसमें जॉक क्राउली, ओली पोप और पहले मैच में कप्तानी का जिम्मा संभालने वाले ऑलराउंडर बेन स्टोक्स शामिल हैं।
इंग्लैंड के कोच क्रिस सिल्वरवुड ने हालांकि स्वीकार किया कि रूट पर थोड़ा दबाव होगा। उन्होंने कहा, ‘हम जो (रूट) से अच्छी पारियां देखने के लिये बेताब हैं लेकिन निश्चित तौर पर उस पर थोड़ा दबाव होगा। जॉक लगातार सुधार कर रहा है और उसने (साउथम्पटन में) जो पारी खेली उससे उसकी परिपक्वता झलकती है।’
इंग्लैंड ने पिछले मैच में अनुभवी तेज गेंदबाज स्टुअर्ट ब्रॉड को भी अंतिम एकादश में शामिल नहीं करने का विवादास्पद फैसला किया था। ब्रॉड ने इस पर सार्वजनिक तौर पर अपनी निराशा भी व्यक्त की थी। वह फिर से जेम्स एंडरसन के साथ नई गेंद का जिम्मा संभाल सकते हैं। ऐसे में मार्क वुड या जोफ्रा आर्चर में से किसी को बाहर बैठना होगा।
इंग्लैंड के लिए विकेटकीपर जोस बटलर की अपनी दोनों भूमिकाओं में खराब फार्म चिंता का विषय है। उन्होंने पहली पारी में 35 रन बनाये लेकिन दूसरी पारी में नौ रन बनाकर आउट हो गये। यही नहीं उन्होंने जर्मेन ब्लैकवुड को दूसरी पारी में शुरू में जीवनदान दिया। ब्लैकवुड ने इसका फायदा उठाकर 95 रन की मैच विजेता पारी खेली।
बटलर के हालांकि अंतिम एकादश में बने रहने की संभावना है। वेस्टइंडीज अपनी विजेता टीम के साथ ही दूसरे मैच में उतर सकता है। शाई होप की खराब फॉर्म उसके लिए चिंता का विषय हो सकता है जो लंबी पारी खेलने के अपने इरादों को पहले मैच में पूरा नहीं कर पाए थे।
ब्लैकवुड ने हालांकि मुश्किल परिस्थितियों में बेहतरीन प्रदर्शन करके टीम को जीत दिलायी थी और इस बीच उन्हें रोस्टन चेस और विकेट शेन डोरिच का भी अच्छा साथ मिला था। ब्लैकवुड फिर से अच्छी पारी खेलने के लिये प्रतिबद्ध है और उन्हें विश्वास है कि इंग्लैंड की तमाम रणनीतियों के बावजूद वह दबाव में नहीं आएंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘एक बार जब मैं क्रीज पर होता हूं तो वे दबाव में होते हैं, मैं नहीं।’’जैसन होल्डर ने पहले मैच में तेज गेंदबाज शैनोन गैब्रियल पर भरोसा दिखाया था जबकि उन्हें रिजर्व के तौर पर मुख्य टीम में रखा गया था। गैब्रियल कप्तान की उम्मीदों पर खरे उतरे और उन्होंने नौ विकेट लेकर मैन आफ द मैच हासिल किया था। लेकिन अगर वेस्टइंडीज को 32 साल बाद में इंग्लैंड में पहली सीरीज जीतनी है तो उसके बल्लेबाजों को अच्छा प्रदर्शन करना होगा तथा क्रेग ब्रैथवेट, जॉन कैंपबेल, शमर ब्रूक्स, होप आदि को लंबी साझेदारियां निभानी होंगी।
टीम इस प्रकार हैं : इंग्लैंड : (कप्तान), डोम सिबली, रोरी बर्न्स, जो रूट, जॉक क्रॉउली, बेन स्टोक्स, ओली पोप, जोस बटलर (विकेटकीपर), डॉम बेस, जोफ्रा आर्चर, स्टुअर्ट ब्रॉड, मार्क वुड, जेम्स एंडरसन, जो डेनली में से।
वेस्टइंडीज (संभावित एकादश) : जैसन होल्डर (कप्तान) जॉन कैंपबेल, क्रेग ब्रैथवेट, शमर ब्रूक्स, शाई होप, रोस्टन चेस, जर्मेन ब्लैकवुड, शेन डोरिच (विकेटकीपर), अल्जारी जोसेफ, केमार रोच, शैनोन गेब्रियल।