राजस्थान में सत्ता संघर्ष और सियासी ताकत की जोर-आजमाइश के बीच राहुल गांधी के साथ अशोक गहलोत और सचिन पायलट की एक पुरानी तस्वीर भी खूब चर्चा में आई। तब राहुल गांधी ने भले ही उस तस्वीर को ‘यूनाइडेट कलर्स ऑफ राजस्थान’ का नाम दिया था लेकिन असल में वह रेगिस्तानी प्रांत के दो दिग्गजों की आपसी प्रतिद्वंद्विता की प्रतीक थी। दोनों दिग्गज फिर भिड़े और तब की बार की तरह इस बार भी बाजी गहलोत के हाथ लगी। अब पायलट ने पहली बार राहुल की उस तस्वीर के पीछे का राज खोजा है जो वैसे तो जमाने के लिए ‘खुला रहस्य’ था लेकिन पहली बार युवा नेता की जुबां से आया है।
राजस्थान में राजनीतिक तूफान के केंद्र सचिन पायलट ने डेप्युटी सीएम और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के पद से हटाए जाने के बाद पहली बार पूरे मसले पर अपना मुंह खोला है। एक मीडिया संस्थान को दिए इंटरव्यू में पायलट ने राहुल गांधी के साथ अपनी उस बहुचर्चित तस्वीर के पीछे की कहानी भी बयां की। उन्होंने कहा कि वह डेप्युटी सीएम बनना ही नहीं चाहते थे, यह फैसला तो राहुल गांधी का था। पायलट ने कहा कि राहुल गांधी के जोर देने पर वह पद लेने को तैयार हुए जबकि उनका मन नहीं था। पूर्व डेप्युटी सीएम ने कहा कि राहुल गांधी ने गहलोत को सत्ता और काम के बराबर बंटवारा का निर्देश दिया लेकिन मुख्यमंत्री ने ऐसा करने के बजाय उन्हें हाशिये पर ढकेला, अपमानित किया।
हम जिस तस्वीर की बात कर रहे हैं वह दिसंबर 2018 की है। राजस्थान विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने जीत हासिल की थी। मुख्यमंत्री पद के लिए गहलोत और पायलट दोनों के दावे मजबूत थे। एक के साथ उसका लंबा सियासी अनुभव था तो दूसरे के साथ युवा और करिश्माई नेतृत्व। तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने दोनों को दिल्ली बुलाया। 14 दिसंबर 2018 को उन्होंने इस तस्वीर को ट्वीट करते हुए लिखा- यूनाइटेड कलर्स ऑफ राजस्थान। तब कांग्रेस मुखिया ने गहलोत को मुख्यमंत्री और पायलट को उनका नायब बनाने का फैसला किया था।
अब डेप्युटी सीएम पद से भी हटाए जा चुके पायलट ने इंटरव्यू में पायलट का दर्द भी छलका। उन्होंने बताया कि कैसे मुख्यमंत्री पद पर उनकी स्वाभाविक दावेदारी थी लेकिन राहुल गांधी की बात रखने के लिए उन्होंने बेमन से डेप्युटी सीएम का पद स्वीकार किया। गहलोत के पक्ष में उनका लंबा सियासी अनुभव गया था लेकिन पायलट ने उसी पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह कैसा अनुभव है जो चुनाव में पार्टी को रसातल में पहुंचा दे। पायलट ने कहा कि जब उन्हें प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी मिली तो 200 सीटों वाली राजस्थान विधानसभा में हमारे सिर्फ 21 विधायक थे। वहां से हम पार्टी को सत्ता तक लाए।
14 दिसंबर को राहुल गांधी ने अशोक गहलोत और सचिन पायलट के साथ अपनी तस्वीर को ट्वीट करते हुए लिखा था- द यूनाइटेड कलर्स ऑफ राजस्थान। लेकिन पहली तस्वीर के अहम किरदार सिंधिया का धैर्य जवाब दे गया तो दूसरी तस्वीर में दिखलाई जा रही एकता अब छिन्न-भिन्न होती दिख रही है।