इस पोस्ट को बाद में डिलीट कर दिया गया लेकिन खेल समुदाय ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी। पूर्व डेविस कप खिलाड़ी सोमदेव देववर्मन ने दुती का समर्थन किया जबकि अन्य ने कहा कि उन्हें केंद्रीय खेल मंत्रालय, ओडिशा सरकार और भारतीय ऐथलेटिक्स महासंघ (एएफआई) से समर्थन मिल रहा है।
पढ़ें-
दुती ने अपने ट्विटर हैंडल पर डाले बयान में कहा, ‘मैंने अपनी बीएमडब्ल्यू कार बेचने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया। मेरे पास लग्जरी कार रखने के लिए संसाधन नहीं है, हालांकि मुझे यह काफी पसंद है। मैं कार का इस्तेमाल नहीं कर पा रही थी और यह मेरे लिए बेकार का खर्चा था। मैंने कभी नहीं कहा कि मैं अपनी ट्रेनिंग का खर्चा उठाने के लिए इसे बेच रही हूं।’
उन्होंने कहा, ‘ओडिशा सरकार और केआईआईटी यूनिवर्सिटी ने हमेशा मेरा समर्थन किया है। इससे हालांकि इस तथ्य को नहीं नकारा जा सकता कि मेरी ट्रेनिंग काफी खर्चीली है विशेषकर 2021 ओलिंपिक की।’ दुती ने कहा, ‘मैं सिर्फ इतना कहना चाहती थी कि इस पैसे का इस्तेमाल मेरी ट्रेनिंग के लिए किया जा सकता है और कोरोना वायरस महामारी के बाद राज्य सरकार से पैसा मिलने पर कार खरीदी जा सकती है।’
दुती ने ओडिशा खनन निगम (ओएमसी) में अपने मासिक वेतन को लेकर मीडिया में आई खबरों का भी खंडन किया। उन्होंने कहा, ‘ओएमसी में मेरा मासिक वेतन 80000 नहीं 60000 है। मैं शिकायत नहीं कर रही। कार बाद में खरीदी जा सकती है।’ इस दिग्गज धाविका ने साथ ही स्पष्ट किया कि उनके पास सभी संभावित संसाधन हैं और वह किसी वित्तीय संकट का सामना नहीं कर रहीं।