पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों से हिंसक झड़प करने वाले चीन पर अमेरिका ने मोर्चा खोल रखा है। अमेरिका के स्टेट डिपार्टमेंट ने अपनी ताजा बयान में कहा है कि दूसरे देशों में काम कर रहीं चीनी कंपनियां नए जमाने की ईस्ट इंडिया कंपनी की तरह रवैया अपना रही हैं। अमेरिका ने यह भी दावा किया है कि दूसरे देशों के साथ-साथ भारत ने भी साउथ चाइना सी में चीन की गतिविधियों पर चिंता जताई है।
लद्दाख हिंसा पर घेरा
US स्टेट डिपार्टमेंट ने मंगलवार को जारी बयान में कहा है कि चीन की सरकार आज की तारीख में ईस्ट इंडिया कंपनी की तरह काम कर रही है। बयान में कहा है साउथ चाइना सी के मुद्दे से आर्कटिक, हिंद महासागर, मेडिटरेनियन और दूसरे जलीय मार्गों के भविष्य पर असर पड़ रहा है। पेइचिंग ने समुद्रों में उकसाना और धमकाना बढ़ा दिया है। हिमालय में भी यह देखा जा रहा है जहां पेइचिंग ने भारत के साथ अपनी सीमा पर आक्रामक रुख अपना लिया।
‘साउथ चाइना सी में खतरा’
बयान में यह भी दावा किया गया है कि ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी और भारत ने साउथ चाइना सी में चीन की गतिविधियों से चिंता जताई है जिससे क्षेत्रीय स्थिरता और अंतरराष्ट्रीय कानून खतरे में हैं। अमेरिका का कहना है कि अब ऑस्ट्रेलिया से लेकर साउथईस्ट एशिया में भारत और जापान तक सहयोगियों और पार्टनर्स के बीच नए रक्षा और सुरक्षा समझौते किए जा रहे हैं।
‘भारत के खिलाफ आक्रामक चीन’
इससे पहले अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रॉबर्ट ओ ब्रायन ने भी कहा था कि भारत के खिलाफ चीन का ‘बेहद आक्रामक’ व्यवहार, और हॉन्ग-कॉन्ग में उसके कदम इस बात की जानकारी देते हैं कि सत्तारूढ़ ‘कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना’ (सीपीसी) इन दिनों किस प्रकार से सोच रही है। ‘फॉक्स न्यूज रेडियो’ को दिए एक साक्षात्कार में कहा, ‘यह भारत और चीन के बीच का विवाद है, लेकिन चीन ने दिखा दिया कि वह असल में क्या हैं। चीनी बलों ने भारतीय बलों पर घात लगाकर हमला किया। उन्होंने 20 भारतीय जवानों की पीट-पीट कर हत्या कर दी। उन्होंने उन्हें कील लगी और नुकीली तार से लिपटी लाठियों से बहुत बुरी तरह से मारा।’