कोरोना वायरस (Coronavirus) के इस मुश्किल दौर में कुछ सावधानियों के साथ क्रिकेट की वापसी भले हो गई हो। लेकिन खेल में नई चुनौतियां भी सामने आ रही हैं। कोविड-19 (Cricket with covid 19) के अस्तित्व में आने के बाद फिलहाल इंग्लैंड और वेस्टइंडीज की टीमें पहली बार क्रिकेट खेल रही हैं। कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए आईसीसी ने कुछ नए नियम तय किए हैं, जिससे खिलाड़ी नए चैलेंज से जूझ रहे हैं।
खासतौर से गेंद पर लार (Ban on Saliva) लगाने पर बैन से बोलरों को एक तरह से पंगु बना दिया है। इस बैन से पेसर्स को ही नहीं स्पिनर्स को भी मुश्किलें आ रही हैं। साउथैम्पटन में खेले गए टेस्ट मैच में यह बता दिया कि बोलरों को इस नए नियम के हिसाब से ढलने में समय लगेगा। इंग्लिश स्पिनर डॉम बेस () ने माना है कि इन हालात में गेंद को स्विंग और स्पिन कराना बहुत मुश्किल काम है।
गेंद को बिना शाइन के स्विंग और स्पिन कराना दोनों ही मुश्किल हैं। फिलहाल गेंद को पसीने की मदद से शाइन करने की मंजूरी है। इंग्लैंड ऐंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड और सोनी ने मंगलवार को मीडिया के बातचीत का कार्यक्रम आयोजित किया था। इस दौरान इंग्लैंड के स्पिन गेंदबाज डॉम बेस ने हमारे सहयोगी अखबार ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ से बात करते हुए कहा, ‘यह बहुत मुश्किल काम है। सिर्फ पसीने से हम बॉल की कैसे देखरेख कर सकते हैं और उसे स्विंग करा सकते हैं। मुझे पसीना ज्यादा आता है, तो अपनी टीम में मैंने बॉल को शाइन करने की जिम्मेदारी उठाई।’
उन्होंने कहा, ‘टीमों के लिए सिर्फ इतना काफी नहीं है कि उन्होंने उस खिलाड़ी को ढंढ लिया है, जिसे सबसे ज्यादा पसीना आता है। असली चुनौती यही है कि वह कैसे बहुत ज्यादा पसीना लगाकर बॉल की एक साइड को डल (फीका) बना रहा है। पहला टेस्ट और इससे पहले खेला गया प्रैक्टिस मैच में हमने यही कोशिश की कि बॉल को अच्छी कंडिशन में रखा जाए।’
इस 22 वर्षीय युवा स्पिन गेंदबाज ने कहा, ‘यह निश्चितरूप से मुश्किल काम है कि आप दिनभर और पूरे मैच के दौरान गेंद को अपने ट्राउजर पर रगड़ते रहते हैं। इसका कुछ नुकसान भी होता है। पिछले 5 महीने से मेरी टांगे गेंद को शाइन करने की आदी नहीं थीं और मैंने इस मैच में ऐसा किया तो मेरी टांगों पर खरोंच के निशान आ गए।’
इस गेंदबाज ने कहा कि यह स्थिति गेंदबाजों के लिए बहुत मुश्किल है। लेकिन अब गेंदबाजों को इन परिस्थितियों में 20 विकेट निकालने की तरकीब ढूंढनी ही होगी।