यात्रा मार्ग पर कई ऐसे इलाके हैं जोकि रेड जोन हैं। ऐसे में आने वाले भक्तों के लिए पूरे इंतजाम किए गए हैं। आधार शिविर में आने के बाद भक्तों को बाहर जाने की अनुमति नहीं होगी। सरकारी वाहन उन्हें बालटाल तक लेकर जाएंगे। जानकारी के अनुसार, 21 जुलाई से प्रस्तावित यात्रा के लिए सुरक्षा का काम पूरा हो गया है। सीआरपीएफ ने हाइवे और आधार शिविर की सुरक्षा ले ली है। इसके अलावा आधार शिविर भगवती नगर में यात्रियों को ठहराया जाएगा। बताया गया है कि प्रतिदिन सिर्फ 500 भक्तों को ही दर्शन के लिए भेजा जाएगा। यात्रा को लेकर प्रशासन के अफसर लगातार हालात पर निगरानी बनाए हुए हैं।
रेड जोन है चुनौती
यात्रा में रेड जोन बड़ी चुनौती है। क्योंकि लखनपुर में भक्तों के दाखिल होने के बाद रेड जोन शुरू हो जाएगा। कठुआ, सांबा, जम्मू और उधमपुर के कई इलाके रेड जोन हैं। उसके बाद गांदरबल जिला जोकि यात्रा का संबंधित रूट है वह भी रेड जोन है। श्रीनगर, अनंतनाग, बांडीपोरा, कुपवाड़ा और बारामूला भी इसमें शामिल हैं। इन रूट से यात्री गुजर कर ही आगे बालटाल तक पहुंच सकते हैं। ऐसे में प्रशासन की तरफ से इन बातों पर कड़ाई से काम किया जा रहा है। जिससे बाहर से आने वाले किसी भी यात्री को परेशानी ना हो सके।
यात्रा को लेकर जारी विस्तृत गाइडलाइन्स
पुलिस विभाग की तरफ से यात्रियों के लिए अडवाइजरी जारी की गई है। जिसमें यात्रियों को कहा गया कि पहले पंजीकरण करवाएं और उसके बाद ही आएं।साथ ही महिलाओं को साड़ी न पहनने की सलाह दी गई है। यात्रा पर ट्रैक सूट, सलवार कमीज, पैंट शर्ट पहनने की सलाह दी गई है। यात्रा पर आने से पहले दिन में चार से पांच घंटों तक सैर करें। स्वस्थ होकर ही यात्रा पर आएं। बाबा की गुफा 14,800 फुट ऊंचाई पर स्थित है और वहां पर ऑक्सिजन की कमी है। ऐसे में सांस की परेशानी वाले यात्री ना आएं। बच्चों को साथ में लेकर ना आएं। अपना चेकअप करवाने के बाद ही यात्रा के लिए आएं।
पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह का कहना है कि पुलिस की तरफ से पूरी तैयारी कर ली गई है। यात्रियों के लिए अडवाइजरी को वेवसाइट पर डाल दिया गया है। ताकि हर यात्री अडवाइजरी का पालन करके ही यात्रा प्लान करे।