वैसे अभी इस किताब का नाम तय नहीं हुआ है। इस किताब में लोगों की मदद करने और लोगों की इस यात्रा के भावनात्मक पहलुओं के साथ-साथ चुनौतीपूर्ण क्षणों का भी जिक्र होगा। पब्लिकेशन पेंग्विन रेंडम हाउस इंडिया ने बुधवार को बताया कि यह किताब इस साल के अंत तक प्रकाशित होगी।
सोनू सूद ने कहा है, ‘मैं भगवान का शुक्रिया अदा करता हूं कि उन्होंने मुझे श्रमिकों की मदद का जरिया बनाया। भले ही मेरा दिल मुंबई में धड़कता हो लेकिन इस घटना के बाद मैं महसूस करता हूं कि मेरे अंदर का एक हिस्सा उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, असम, उत्तराखंड और अन्य कई राज्यों में जीता है जहां मेरे नए दोस्त बने हैं और मेरा गहरा संबंध बना है।’
उन्होंने कहा, ‘मैंने फैसला लिया है कि हमेशा के लिए मेरी आत्मा में बस चुकी कहानियों और अनुभवों को मैं किताब में दर्ज करूंगा…मैं उत्साहित हूं और किताब के जरिए आपसे जुड़ने के लिए बेचैन हूं। मैं आपका समर्थन चाहता हूं, सभी को प्यार।’
बता दें कि सोनू ने मुंबई में रहने वाले प्रवासी श्रमिकों को उनके गृह राज्यों में पहुंचाने के लिए अभियान शुरू किया था। सूद और उनकी टीम ने इस संबंध में टोल फ्री नंबर और वॉट्सऐप नंबर भी जारी किया था। उन्होंने मार्च में लागू लॉकडाउन की वजह से शहर में फंसे लोगों को उनके घरों तक पहुंचाने के लिए खाना, बस, ट्रेन के साथ ही विमान तक की व्यवस्था की थी।