राजस्थान में बीजेपी को सत्ता से बाहर कर कांग्रेस पार्टी की सरकार बनाने में अहम भूमिका निभाने वाले पिछले सचिन पायलट मंगलवार को सत्ता और संगठन दोनों से बाहर कर दिया गया। कांग्रेस विधायक दल की बैठक में सर्वसम्मति से पारित प्रस्ताव के बाद उप मुख्यमंत्री और प्रदेशाध्यक्ष दोनों पदों से हटा दिया गया। पिछले 5 दिनों से राजस्थान में चल रहे सियासी संकट के बीच इस अप्रत्याशित घटना के बाद भी पायलट मीडिया के सामने नहीं आए। शाम पांच बजे उनकी प्रेस कॉन्फ्रेंस होनी थी लेकिन ऐन वक्त पर उसे भी टाल दिया गया। आखिर ऐसा क्या हुआ कि पायलट इतने बड़े घटनाक्रम के बाद भी खुद सामने नहीं आए? इसके पीछे राजनीतिक विशेषज्ञ मोटे तौर पर तीन कारण बता रहे हैं…
1. कांग्रेस पार्टी ने पार्टी से निष्कासित नहीं किया, सिर्फ पदों से हटाया: कांग्रेस पार्टी ने पायलट के बगावती तेवरों के चलते उप मुख्यमंत्री और प्रदेशाध्यक्ष पदों से हटाया है। लेकिन पार्टी की सदस्यता रद्द नहीं की। ऐसे में उन्हें अपनी रणनीति पर फिर से विचार करना पड़ रहा है। वो जल्द बाजी में बिना विशेषज्ञता राय के कोई कदम नहीं उठाना चाहते।
2. बीजेपी से संपर्क, वरिष्ठ नेताओं से बातचीत: एक दिन पहले तक पायलट की ओर से बीजेपी में शामिल होने की तमाम अटकलों को खारिज करते हुए कहा गया था कि वो भारतीय जनता पार्टी ज्वॉइन नहीं करेंगे। ऐसे में अचानक कांग्रेस से मिले झटके के बाद उनको फिर से इस पर विचार करने के लिए समय की जरूरत थी।
3. विधायकों का संख्या बल कम, फिर से तैयारी में जुटे: सचिन पायलट गुट की ओर से शुरू से 30 विधायकों के समर्थन की बात कही जा रही है। ऐसे में 109 विधायकों के कांग्रेस के दावों के बाद शायद उन्हें अपने विधायकों के मन को फिर से टटोलने का समय चाहिए। बता दें कि विधानसभा की कुल 200 में से 75 बीजेपी के पास है और शेष 125 विधायकों में से 109 कांग्रेस अपने पास बता रही है। ऐसे में महज 16 विधायक ही शेष बचते हैं। संभव है सचिन पायलट एक बार फिर से अपनी तैयारी करने में जुटे हैं।
तीन दिन बाद ट्विटर पर बोले सचिन, लेकिन बस इतना…