रिजिजू ने बैठक के बाद बयान में कहा, ‘मंत्रियों और अधिकारियों ने खेल और युवा मामलों से जुड़े मुद्दों पर कुछ बहुमूल्य सुझाव दिए… कोविड-19 के बाद के लिए अपनी तैयारी की जानकारी दी… खेल प्रतियोगिताओं और खिलाड़ियों की ट्रेनिंग दोबारा शुरू करने के बारे में।’ बैठक में आंध्र प्रदेश, असम, छत्तीसगढ़, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू एवं कश्मीर, कर्नाटक, केरल, लद्दाख, महाराष्ट्र, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान, तमिलनाडु, तेलंगाना, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।
अन्य राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधि बुधवार को बैठक में हिस्सा लेंगे। रिजिजू ने राज्य के खेल मंत्रियों से कहा, ‘राज्य काफी अच्छा काम कर रहे हैं और मंत्रालय उनके साथ समन्वय से काम कर रहा है। मुझे यकीन है कि सम्मेलन के अंत में हम आगे बढ़ने का खाका तैयार करेंगे।’ रिजिजू के अनुसार प्रत्येक राज्य में खेलो इंडिया स्टेट सेंटर आफ एक्सीलेंस (केआईएससीई) के गठन और ‘एक राज्य एक खेल’ नीति का राज्यों ने समर्थन किया।
मंत्रियों और अधिकारियों ने उस एक खेल को गोद लेने में गहरी रुचि दिखाई जिसमें पारंपरिक रूप से उनका राज्य मजबूत है। बैठक के दौरान राज्य स्तर पर विभिन्न योजनाओं के प्रचार के लिए नेहरू युवा केंद्र संगठन (एनवाईकेएस) और राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) के अधिक स्वयंसेवकों को शामिल करने के तरीकों पर भी चर्चा हुई।