कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को अलॉट रहे लोधी एस्टेट के बंगला नंबर 35 का विवाद गहरा गया है। मंगलवार को प्रियंका ने उन रिपोर्ट्स का खंडन किया जिसमें कहा गया था कि उन्होंने कुछ और दिन रहने की मोहलत मांगी थी। प्रियंका ने कहा कि उन्होंने सरकार से ऐसी कोई दरख्वास्त नहीं की है। उन्होंने कहा कि वह सरकार के निर्देशानुसार, 1 अगस्त तक सरकारी बंगला खाली कर देंगी। प्रियंका के ट्वीट के बाद, केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने खुलासा किया उन्हें प्रियंका की पैरवी के लिए एक बड़े कांग्रेसी नेता का फोन आया था। उन्होंने कहा कि फोन करने वाले ने ‘किसी और कांग्रेस सांसद के नाम बंगला अलॉट करने का कहा ताकि प्रियंका वहां रहना जारी रख सकें।’
कौन सच बोल रहा, कौन झूठ?दरअसल, न्यूज एजेंसी आईएएनएस ने एक खबर छापी जिसमें कहा गया कि प्रियंका ने सरकारी बंगले में कुछ समय तक और रहने की इजाजत मांगी है। रिपोर्ट में दावा किया गया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह दरख्वास्त मान ली है। इस रिपोर्ट को प्रियंका ने ‘फेक न्यूज’ करार दिया है। उन्होंने साफ कहा कि उनकी तरफ से ऐसी कोई रिक्वेस्ट सरकार से नहीं की गई है। जबकि केंद्रीय मंत्री का कहना है कि उन्हें 4 जुलाई की दोपहर 12 बजकर 5 मिनट पर एक ताकतवर कांग्रेसी नेता का फोन आया था। उन्होंने कहा, “मुझसे रिक्वेस्ट की गई कि 35, लोधी एस्टेट किसी और कांग्रेस सांसद को अलॉट कर दिया जाए ताकि प्रियंका वाड्रा रह सकें।” पुरी ने प्रियंका को ताकीद करते हुए कहा कि ‘हर चीज को सेंशनलाइज मत कीजिए।’
प्रियंका का वार, पुरी का पलटवार
पुरी के खुलासे पर प्रियंका ने जवाब देते हुए कहा कि उन्होंने कोई रिक्वेस्ट नहीं की थी। अगर किसी और ने उनकी पैरवी की तो उसका शुक्रिया अदा करती हैं। कांग्रेस नेता ने लिखा, “पुरी जी, अगर आपको किसी ने कॉल किया था तो मैं उनकी चिंता के लिए उनका शुक्रिया अदा करती हूं और आपका भी लेकिन इससे तथ्य नहीं बदले। मैंने ऐसी कोई रिक्वेस्ट नहीं की और न ही कर रही हूं। जैसा मैंने कहा, मैं 1 अगस्त तक बंगला खाली कर दूंगी।” पुरी ने पलटवार करते हुए कहा कि “जिस नेता ने मुझे कॉल किया था, वो और कई कांग्रेस में बेहद टॉप पोजिशन पर हैं…. वही पॉलिटिकल एडवाइजर जो आपके परिवार की तरफ से बोलते और काम करते हैं। उन्होंने रिक्वेस्ट की तभी हमने दो महीने का एक्सटेंशन देने का फैसला किया।” पुरी का इशारा सोनिया गांधी के सलाहकार अहमद पटेल की तरफ मालूम होता है।
प्रियंका ने कहा था, खाली कर दूंगी बंगला
बंगला खाली करने का नोटिस मिलने पर प्रियंका ने खुद तो सामने आकर कुछ नहीं कहा। मगर करीबी सूत्रों के हवाले से यह जानकारी जरूर आई थी कि वह बंगला खाली कर देंगी। कांग्रेस ने केंद्र के इस फैसले को ‘बदले के तहत की गई कार्रवाई’ करार दिया था। पार्टी ने प्रियंका के पिता पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी और दादी पूर्व पीएम इंदिरा गांधी की हत्या का जिक्र करते हुए कहा था कि सुरक्षा कारणों से प्रियंका को उसी बंगले में रहने दिया जाना चाहिए।
पढ़ें: जून को भेजा गया था नोटिसकेंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से 30 जून को नोटिस भेजकर प्रियंका से बंगला खाली करने को कहा गया था। अपने पत्र में सरकार ने कहा था कि प्रियंका 35 लोधी एस्टेट सरकारी आवास को एक महीने के अंदर खाली कर दें, क्योंकि वह अब एसपीजी की सूची में नहीं हैं। गृह मंत्रालय ने लिखा था कि ‘प्रियंका गांधी को सीआरपीएफ कवर के साथ ‘जेड प्लस’ सुरक्षा अखिल भारतीय स्तर पर मुहैया कराई गई है, जिसमें सरकारी आवास के आवंटन या उसे बरकरार रखने का कोई प्रावधान नहीं है।’ आदेश में कहा गया था, “इसके मद्देनजर वह किसी सरकारी आवास की हकदार नहीं हैं और उनके आवंटन को डायरेक्टरेट ऑफ एस्टेट ने एक महीने के अंदर आवास खाली करने के निर्देश के साथ एक जुलाई, 2020 को रद्द कर दिया है।”