अपने घटिया सामान के लिए विश्वभर में कुख्यात चीन ने अब अपने ‘मित्र’ नेपाल को चूना लगाया है। वही नेपाल जिसके प्रधानमंत्री इन दिनों चीन की शह पर भारत के खिलाफ लगातार जहरीले बयान दे रहे हैं। करीब 6 साल पहले चीन ने बड़े-बड़े सपने दिखाकर नेपाल को अपने छह Y12e और MA60 यात्री विमान दिए थे। ये विमान अब नेपाली नागरिकों की जान के लिए खतरा बन गए हैं और उन्हें उड़ान भरने पर रोक दिया गया है।
काठमांडू पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक गत 28 मार्च को नेपाल एयरलाइन्स का 17 सीटों वाला Y12e विमान नेपालगंज एयरपोर्ट पर रनवे से 60 मीटर पहले ही रुक गया। यह विमान फिसलते हुए पास के घास के मैदान में चला गया। चीन में बने इस विमान पर पांच लोग सवार थे और सभी लोगों को सुरक्षित तरीके से निकाल लिया गया। इस घटना के कुछ ही दिनों बाद प्लाइट के कैप्टन केबी लिंबू को लैंडिंग के दौरान ‘गलत फैसला’ लेने के लिए सस्पेंड कर दिया गया।
चीनी विमानों के उड़ान पर पूरी तरह से रोक
रिपोर्ट के मुताबिक पायलट ने एक इंजन के बंद होने के बाद भी किसी तरह से विमान को सुरक्षित उतार लिया था। इसके बावजूद उन्हें संस्पेंड कर दिया गा। इस बीच विमान की जांच से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि चीनी विमान का परफार्मेंस संदेहजनक है। उन्होंने कहा कि बिना पूरे आकलन के विमान के परफार्मेंस पर सवाल उठाना उचित नहीं है लेकिन उसके परिचालन को लेकर आ रहे तथ्यों को हम अनदेखा नहीं कर सकते हैं। नेपालगंज में पर्याप्त रनवे होने के बाद भी विमान सही से लैंड नहीं कर सका।
इस घटना के तीन महीने बाद अब नेपाल एयरलाइंस के निदेशकों ने 16 जुलाई से दोनों तरह के चीनी विमानों के उड़ान पर एकमत से रोक लगा दी है। यह भी पता चला है कि चीन का एक MA60 विमान नेपाल में पिछले तीन साल से बंद पड़ा है। नेपाल ने करीब 28 साल बाद चीन से 6 विमान खरीदे थे। काठमांडू पोस्ट ने अधिकारियों के हवाले से बताया कि अगर इन विमानों की उड़ान को रोका नहीं गया होता तो करीब 2 अरब रुपये का नुकसान उठाना पड़ता। नेपाल एयरलाइन्स अब इन चीनी विमानों को उड़ाने का खर्चा वहन नहीं कर सकती है।
चीन के बैंक से 3.72 अरब रुपये लोन लेकर खरीदा विमान
विमान खरीदते समय चीन ने लाचल दिया था कि वह बांग्लादेश और नेपाल को कुछ विमान फ्री में भी दे सकता है लेकिन उन्हें कुछ विमान खरीदना होगा। बांग्लादेश की टीम ने अपनी सरकार को बताया कि यह चीनी विमान उनके लिए सही नहीं है, वहीं नेपाली विशेषज्ञों ने कहा था कि चीनी विमान नेपाल के लिए उपयुक्त है। नेपाल ने इन्हीं कथित विशेषज्ञों की सलाह पर चीनी विमान खरीदा था। चीन ने वर्ष 2014 में 2.94 अरब रुपये के एक विमान को गिफ्ट के तौर पर दिया था और नेपाल ने दूसरा विमान चीन के एग्जिम बैंक से 3.72 अरब रुपये लोन लेकर खरीदा था।