रूस के सुदूरवर्ती इलाके में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के खिलाफ लोगों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है। इस इलाके के बेहद लोकप्रिय गवर्नर की गिरफ्तारी के बाद हजारों स्थानीय लोग सड़कों पर उतर आए हैं और पुतिन के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। प्रदर्शनकारी ‘ दो’ के नारे लगा रहे हैं और स्थानीय गवर्नर सर्गेई फुरगाल की रिहाई की मांग कर रहे हैं। गवर्नर को कई हत्याओं के संदेह में अरेस्ट किया गया है।
ये विरोध प्रदर्शन चीन से सटे सीमाई इलाके खबरोव्स्क और कई अन्य कस्बों में हुए हैं। वर्ष 2036 तक पुतिन के सत्ता में बने रहने का रास्ता साफ होने के बाद रूसी सुरक्षा सेवा के लोगों ने बड़े पैमाने पर अभियान चलाया है। बताया जा रहा है कि पुतिन समर्थक उम्मीदवार को हराकर सर्गेई वर्ष 2018 में सत्ता में आए थे। अब उनके खिलाफ अब तक सबसे बड़ा तलाशी अभियान चलाया गया है।
पत्रकार को जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया
इससे पहले पिछले हफ्ते एक प्रसिद्ध रक्षा पत्रकार को कथित तौर पर चेक गणराज्य के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। यही नहीं मानवाधिकार कार्यकर्ता मिखाइल खोदोरकोवस्की के घर पर छापा मारा गया था। मिखाइल ने संविधान के खिलाफ प्रदर्शन की योजना बनाई थी। पश्चिमी विश्लेषकों का कहना है कि यह गिरफ्तारी इस बात का इशारा करती है कि पुतिन ने खेल करके वोट हासिल किए हैं और ये कभी भी उनके लिए संकट का सबब बन सकता है।
पुतिन प्रशासन के लोगों का कहना है कि जनमत संग्रह में जनता ने उन पर जोरदार भरोसा जताया है। जनमत संग्रह का यह परिणाम ऐसे समय पर आया है जब रूसी राष्ट्रपति की रेटिंग बहुत नीचे चली गई है। 6 लाख की आबादी वाला खबरोव्स्क शहर आमतौर पर बेहद शांत शहर है लेकिन गवर्नर की गिरफ्तारी के बाद माहौल बिगड़ गया है। शनिवार को करीब 35 हजार लोगों ने प्रदर्शन में हिस्सा लिया जो इस इलाके के इतिहास में सबसे बड़ा प्रदर्शन है।