जब बेंगलुरु स्थित साई केंद्र में आए थे तो वह अपने सीनियर () को बड़े ध्यान से देखते थे। के पूर्व कप्तान का अनुशासन, खेल पर फोकस और पेशेवर रवैया अंटिल को काफी प्रभावित कर गया था।
अंटिल ने एक कहा, ‘आपको सीखने के लिए उनसे बात करने की जरूरत नहीं है आप सिर्फ उन्हें देखकर ही काफी कुछ सीख सकते हैं। वह काफी अनुशासन में रहते हैं और फोकस रहते हैं। वह कभी बाहरी तत्वों को मानसिक तौर पर हावी नहीं होने देते और वह अपने शरीर का हमेशा ख्याल रखते हैं। 9:30 के बाद उनके कमरे की लाइट बंद हो जाती हैं। यह एक महान खिलाड़ी की विशेषताएं हैं।’
उन्होंने कहा, ‘राष्ट्रीय स्तर पर कोई खिलाड़ी अगर नया हो उसके लिए सरदार सिंह से सीखने के लिए काफी कुछ है। मुझे हालांकि उनसे बात करने का मौका कभी नहीं मिला और न ही मैं उनसे बात करने की हिम्मत जुटा पाया। लेकिन मैंने हमेशा उन पर ध्यान दिया और उन्हें ध्यान से देखा। उनका अनुशासन शानदार है।’
अंटिल भारत की उस हॉकी टीम का हिस्सा थे, जिसने मलेशिया में सुल्तान जोहर कप में 2017, 2018 में कांस्य पदक जीता था। अंटिल को 2019 में टखने में चोट लग गई थी, जिसके कारण वह छह महीने बाहर रहे थे। इसी कारण वह सुल्तान जोहर कप में नहीं खेल पाए थे।
वह जूनियर एशिया कप में वापसी की कोशिश कर रहे थे जो अंत में कोविड-19 के कारण अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया। उन्होंने कहा, ‘यह टीम बीते तीन साल से अच्छा कर रही है और हमने एक टीम के तौर पर अच्छी लय हासिल कर ली है। हमने सुल्तान जोहर कप में ऑस्ट्रेलिया, ग्रेट ब्रिटेन जैसी टीमों के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन किया है।’
जूनियर नैशनल कप स्थागित कर दिया गया है और अंटिल को अपने बाकी साथियों की तरह ही वापसी का इंतजार है। उन्होंने कहा, ‘इस समय मैं सोनीपत में सुमीत के साथ अभ्यास कर रहा हूं चाहता हूं और अपनी टीम के साथ अभ्यास शुरू करना चाहता हूं।’
उन्होंने कहा, ‘अगले 18 महीने काफी अहम होने वाले हैं क्योंकि जूनियर वर्ल्ड कप आ रहा है। हालांकि जब वर्ल्ड कप होगा तो मैं वर्ल्ड कप के लिए तय की गई उम्र सीमा में नहीं होऊंगा लेकिन मैं जिस भी तरीके से टीम की मदद कर सकता हूं करूंगा।’