प्रवासी मजदूरों के परिवार के पास नहीं है आय का जरिया
दरअसल लॉकडाउन खुलने के बाद जब मजदूर अपने घरों के लिए निकले तो एक बड़ी संख्या में लोग या तो सफर में घायल हुए या उनका निधन हो गया। ऐसे 400 प्रवासी मजदूरों के परिवारों की मदद करने के लिए एक बार फिर सोनू सूद आगे आए हैं। सोनू और उनकी दोस्त नीति गोयल अब इन परिवारों की आर्थिक मदद करेंगे क्योंकि इनमें से ज्यादातर दिहाड़ी मजदूर थे और उनके परिवारों के पास आय का कोई जरिया नहीं है।
बच्चों की शिक्षा और घर बनवाने में मदद देंगे सोनू
इसके अलावा सोनू और उनका ग्रुप प्रवासी मजदूरों के बच्चों की शिक्षा और उनके घर बनवाने का खर्च भी उठाएंगे। इस बारे में सोनू ने कहा, ‘मैंने फैसला किया है कि जो प्रवासी मजदूर सफर के दौरान घायल या मारे गए उनके परिवार को एक सुरक्षित भविष्य दिया जाए। मुझे लगता है कि उनकी मदद करना मेरी निजी जिम्मेदारी है।’ सोनू ने इस पर काम करना शुरू भी कर दिया है।
उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड के मजदूरों का डेटा निकलवा रहे हैं सोनू
सोनू और उनकी टीम इस समय उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड के अधिकारियों से संपर्क में हैं और जो मजदूर मारे गए या घायल हुए, उनका पूरा डेटा मांगा गया है। इस डेटा में उन परिवारों का पता और बैंक डीटेल्स भी शामिल होंगी। बता दें कि लॉकडाउन में सोनू ने सोशल मीडिया पर अपनी टीम के नंबर भी जारी किए थे। अभी तक लोग इन फोन नंबरों और सोशल मीडिया के जरिए सोनू सूद से मदद मांग रहे हैं।