लद्दाख सीमा पर चीन से जारी तनाव के बीच भारतीय सेना सिग सौर असॉल्ट रायफल के दूसरे बैच को खरीदने की तैयारी कर रही है। अमेरिका में बनी यह स्टेट ऑफ ऑर्ट हथियार न केवल क्लोज कॉम्बेट बल्कि लंबी दूरी तक मार करने में माहिर है। इस रायफल का इस्तेमाल भारतीय सेना जम्मू कश्मीर में आतंकरोधी अभियान और पाक से लगी सीमा पर एक साल पहले से कर रही है।
अमेरिकी हथियार निर्माता कंपनी सिग सौर को 2019 की शुरुआत में भारत ने फास्ट ट्रैक प्रक्रिया के तहत 72,400 SIG716 G2 Patrol राइफलों के निर्माण का ऑर्डर दिया था। जिसे कंपनी ने तय समय के अंदर पूरा कर दिया है। जिसके बाद इस रायफल के प्रदर्शन से संतुष्ट होने के बाद भारतीय सेना फास्ट ट्रैक प्रक्रिया के तहत ही अतिरिक्त 72,400 राइफलों के निर्माण का ऑर्डर देने जा रही है। माना जा रहा है कि 2021 के अंत तक इस रायफल का दूसरा बैच भी भारत को मिल जाएगा।
SIG716 G2 Patrol रायफल एक अत्याधुनिक रायफल है। जिसका इस्तेमाल अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस की सेना पहले से ही करती है। इस रायफल का बैरल 16 इंच का है। जो इसे 500 मीटर की दूरी तक घातक फायरिंग रेंज मुहैया कराता है। इसमें एम लॉक हैंडगार्ड और 6 पोजिशन वाला टेलिस्कोपिक स्टॉक लगा है। भारत सप्लाई होने वाली इन रायफलों का निर्माण अमेरिका के न्यू हैंपशायर स्थित सिग सौर रायफल की फैक्टरी में किया जाएगा।
इस रायफल की बॉडी कार्बन स्टील की बनी हुई है। जो मजबूती के साथ ही रायफल के वजन को भी कम करती है। रायफल की ग्रिप पॉलीमर की बनी हुई है जो लंबी देर तक पकड़ने के बाद हाथ के पंजों को किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचाएंगी। आम तौर पर हथियार के ग्रिप को लंबे समय तक पकड़े रहने से पसीना और पंजे में गाठ पड़ जाती है।
इस रायफल की कुल लंबाई 38 इंच है। जबकि ऑपरेटिंग सिस्टम गैस पिस्टन है। जो गोली को चैंबर में रिलोड करने का भी काम करती है। इस रायफल का वजन 4.3 किलोग्राम है जो आसानी से कहीं भी लाने और ले जाने में बेहद आसान है। हल्की होने के कारण इस रायफल का रिक्वॉयल रेट भी बहुत कम है। जिससे निशाना लगाने में भी सहूलियत मिलती है।