कोरोना वायरस, हॉन्ग कॉन्ग और साउथ चाइना सी को लेकर आपस में भिड़े चीन और अमेरिका में तनाव बढ़ता जा रहा है। अमेरिका ने जहां चीन पर आरोप लगाया था कि टिक टॉक का डेटा सीधे चीनी सर्वर पर स्टोर होता है, वहीं ड्रैगन ने पलटवार करते हुए कहा कि अमेरिका दुनिया में सबसे बड़ा हैकिंग साम्राज्य चलाता है। बता दें कि कुछ दिनों पहले ही ऑस्ट्रेलिया ने इशारों-इशारों में चीन पर हैकिंग का आरोप लगाया था।
चीन ने पूछा- अमेरिका के पास क्या सबूत?
चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने कहा कि अमेरिका ने आरोप लगाया है कि टिकटॉक का डेटा चीनी आर्मी और चीनी कम्यूनिस्ट पार्टी के पास जाता है। क्या उनके पास कोई सबूत है? उनके पास सबूत नहीं है। यह बस अमेरिका की झूठ की सूची में नई एंट्री है। अमेरिका अपने मजबूत मूल्यों का दावा करता है फिर भी एक सोशल मीडिया प्लेटफार्म से डरा हुआ है जिसपर युवा अपने विडियो को शेयर करते हैं।
प्रिज्म गेट घटना का चीन ने दिया हवाला
उन्होंने कहा कि अमेरिकी प्रिज्म गेट की घटना से पता चलता है कि वह दुनिया में सबसे बड़ा हैकिंग का साम्राज्य चला रहा है। वह गैरकानूनी तरीके से लोगों का सर्विलांस कर गतिविधियों पर नजर रख रहा है। हमें लगता है कि अमेरिका को खुद पर विचार करना चाहिए।
इन मुद्दों को लेकर अमेरिका चीन में विवाद
अमेरिका और चीन के बीच विवाद का प्रमुख कारण दुनिया में अपना धौस जमाना है। ट्रेड वॉर के बाद, कोरोना वायरस, हॉन्ग कॉन्ग में नया सुरक्षा कानून, साउथ चाइना सी में अधिपत्य की होड़, भारत-जापान-ऑस्ट्रेलिया और ताइवान के खिलाफ चीन का आक्रामक रवैया, अमेरिकी पत्रकारों पर प्रतिबंध, उइगुरों का नरसंहार और तिब्बत को लेकर दोनों देशों के बीच विवाद है।
चीनी अधिकारियों पर अमेरिका का वीजा प्रतिबंध
अमेरिका ने तिब्बत में विदेशियों की पहुंच रोकने के काम में शामिल चीन के वरिष्ठ नागरिकों पर नए वीजा प्रतिबंध का ऐलान किया है। इतना ही नहीं, अमेरिका ने चीन के जले पर नमक छिड़कते हुए तिब्बती लोगों की सार्थक स्वायत्तता के प्रति अपने समर्थन को फिर दोहराया है। विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने कहा कि वह तिब्बत में अमेरिकी लोगों के प्रवेश का आह्वान करने वाले अमेरिकी कानून के तहत चीन में सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के कुछ अधिकारियों समेत अनेक चीनी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं।
तिब्बत की स्वायत्तता को यूएस का समर्थन
अमेरिका ने तिब्बती लोगों की सार्थक स्वायत्तता के लिए अपने समर्थन का फिर से खुला इजहार किया है। अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा कि तिब्बती लोगों के बुनियादी तथा अहस्तांतरणीय मानवाधिकारों के लिए, उनके विशिष्ट धर्म, संस्कृति और भाषायी पहचान को संरक्षित रखने की खातिर काम करने के लिए हम दृढ़ संकल्पित हैं। भारत में रह रहे तिब्बत के निर्वासित धार्मिक नेता दलाई लामा तिब्बत के लोगों के लिए सार्थक स्वायत्तता की मांग करते रहे हैं। लेकिन चीन 85 वर्षीय दलाई लामा को अलगाववादी मानता है।