चीन के खिलाफ ऑस्ट्रेलिया ने मोर्चा खोल दिया है। कोरोना वायरस को लेकर चीन को कठघरे में खड़ा करने के बाद अब हॉन्ग-कॉन्ग को लेकर एक ऐलान किया है जिससे ड्रैगन को मिर्ची लग सकती है। ऑस्ट्रेलिया सरकार ने कहा है कि वह यहां रह रहे हॉन्ग-कॉन्ग के कम से कम 10,000 नागरिकों का वर्तमान वीजा खत्म होने के बाद उन्हें स्थाई निवास के लिए आवेदन करने का एक मौका देगा। इससे पहले ब्रिटेन ने ऐसा ही ऐलान किया था जिससे चीन काफी नाराज हुआ था।
राष्ट्रीय सुरक्षा कानून से उत्पीड़न की आशंका
देश के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन की सरकार का मानना है कि अर्द्धस्वायत्त क्षेत्र हॉन्ग-कॉन्ग में नए कड़े राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू करने का तात्पर्य है कि लोकतंत्र समर्थकों को राजनीतिक उत्पीड़न का सामना करना पड़ सकता है। कार्यवाहक आव्रजन मंत्री एलन टुडगे ने ‘ऑस्ट्रेलियन ब्रॉडकास्टिंग कॉर्पोरेशन’ टेलिविजन से रविवार को कहा, ‘इसका अर्थ है कि हॉन्ग-कॉन्ग पासपोर्ट वाले कई लोग अन्य जगहों पर जाने के लिए स्थान तलाश करेंगे और इसी लिए हमने अपना अतिरिक्त वीजा विकल्प उनके सामने रखा है।’
रास करनी होंगे कुछ टेस्ट
उन्होंने कहा कि स्थाई निवास पाने के लिए आवेदकों को ‘चरित्र परीक्षा, राष्ट्रीय सुरक्षा परीक्षा और इसी प्रकार की अन्य परीक्षाएं’ पास करनी होंगी। आव्रजन मंत्री ने कहा, ‘तो यह अपने आप नहीं होगा, लेकिन हां, स्थाई निवास के लिए यह आसान रास्ता है और एक बार आप स्थाई निवासी हो गए तो उसके बाद नागरिकता का रास्ता है।’ उन्होंने कहा, ‘अगर वास्तव में लोगों का उत्पीड़न हो रहा है तो इसे साबित करके हमारे मानवतावादी वीजाओं में से एक के लिए आवेदन दिया जा सकता है।’
मॉरिसन ने पिछले हफ्ते ऐलान किया थी कि ऑस्ट्रेलिया ने हॉन्ग-कॉन्ग के साथ अपनी प्रत्यर्पण संधि समाप्त कर दी है और हॉन्ग-कॉन्ग के नागरिकों का वीजा दो से बढ़ा कर पांच वर्ष कर दिया गया है। इस पर चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा था कि कैनबरा के इस कदम पर ‘आगे की कार्रवाई’ के लिए उसके अधिकार सुरक्षित हैं।