शर्मनाक: ऑटो में ले गए कोरोना मरीज का शव

तेलंगाना के निजामाबाद में कोरोना वायरस से जान गंवाने वाले शख्स के रिश्तेदार उसका शव कथित रूप से एक ऑटोरिक्शा में रखकर दफनाने के लिए ले गए। Covid-19 के नियमों का उल्लंघन करते हुए बिना हॉस्पिटल के सुपरविजन के ऐसा किया गया। इस तरह की यह पहली घटना नहीं है। आगे तस्वीरों में देखें मामला-

निजामाबाद के सरकारी अस्पताल में 50 वर्षीय शख्स को बीते 27 जून को भर्ती कराया गया था। वह कोरोना पॉजिटिव पाया गया था। गुरुवार रात उसकी दम तोड़ दिया। सरकार ने बिना गाइडलाइन्स का पालन किए लाश को रिश्तेदारों को सौंप दिया, जो ऑटोरिक्शा में ले गए।

अस्पताल के सुपरिटेंडेंट डॉक्टर नागेश्वर राव ने बताया कि मृतक परिवार के सदस्य यह कह कर शव ले गए कि एंबुलेंस के पहुंचने में देर होगी। उनका खुद का ऑटो है। मृतक का एक रिलेटिव अस्पताल में ही काम करता है।

कोरोना संक्रमण के कारण दम तोड़ने वाले शवों के अंतिम संस्कार को लेकर दिशा-निर्देश हैं, जिसके तहत शव को पुलिस सुरक्षा में एक एंबुलेंस में भेजा जाता है।

तेलंगाना में कोरोना का खौफ इतना ज्यादा है कि पूरी तरह ठीक हो चुके मरीजों को भी उनके परिजन घर ले जाने को तैयार नहीं हैं। इस वजह से कोरोना से उबर चुके लोगों को सरकारी केंद्रों में रखा जा रहा है। अभी तक अनेक ऐसे मामले आ चुके हैं।

कुछ दिनों पहले ही कोरोना संक्रमित मरीज के साथ अमानवीय व्यवहार की घटना सामने आई थी। श्रीकाकुलम जिले में 72 साल के एक बुजुर्ग की संक्रमण की वजह से मौत हो गई, जिसके शव को घर से श्मशान घाट तक जेसीबी मशीन लेकर जाया गया। यहां भी प्रोटोकॉल्स को फॉलो नहीं किया गया।

तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद के एक श्मशान घाट में कोविड-19 मरीज के अधजली चिताओं के आसपास कुत्ते घूमते दिखाई दे रहे थे। इतना ही नहीं, कुत्ते अधजले शव को नोंच-नोंचकर खाते हुए भी दिखाई दे रहे थे। सोशल मीडिया पर वीडियो के वायरल होने के बाद शहर के श्मशान घाटों में व्यवस्थाओं को लेकर सवाल उठने लगे हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *