जम्मू कश्मीर पुलिस के निलंबित (DSP Davinder Singh) ने कथित तौर पर पाकिस्तान उच्चायोग में बैठे आकाओं के साथ ‘संवेदनशील’ जानकारी साझा की थी। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) से जुड़े अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सिंह की भूमिका की पड़ताल करने के दौरान एनआईए ने उसके सुरक्षित सोशल मीडिया अकाउंट्स के पासवर्ड का पता लगाया। सिंह के सोशल मीडिया अकाउंट्स की जांच करने पर पाकिस्तान उच्चायोग के कुछ अधिकारियों से उसकी मिलीभगत का खुलासा हुआ। राष्ट्रीय राजधानी में जासूसी गतिविधियों में शामिल होने के कारण उन अधिकारियों को वापस पाकिस्तान भेज दिया गया था।
एनआईए दायर कर चुकी है चार्जशीटएनआईए ने दविंदर सिंह और पांच अन्य के खिलाफ कथित तौर पर हिजबुल मुजाहिदीन जैसे आतंकी संगठन के साथ मिलकर “भारत के विरुद्ध युद्ध छेड़ने” के एक मामले में छह जुलाई को एक चार्जशीट दाखिल की थ्ज्ञी। गिरफ्तारी से पहले सिंह श्रीनगर हवाई अड्डे पर एंटी-हाइजैकिंग विंग में तैनात था। अधिकारियों ने कहा कि दविंदर सिंह 2019 के बाद से ही संवेनदशील जानकारी साझा कर रहा था। उन्होंने मामले से संबंधित अधिक जानकारी देने से मना कर दिया।
कौन है शफकत जिसके संपर्क में था दविंदर?अधिकारियों ने कहा कि दविंदर सिंह पाकिस्तानी उच्चायोग में सहायक के तौर पर कार्यरत शफकत नामक व्यक्ति के करीबी संपर्क में था। पिछले महीने उच्चायोग के आधे कर्मचारियों को पाकिस्तान वापस भेज दिया गया था जिनमें शफकत भी शामिल था। अधिकारियों ने कहा कि इरफान शफी मीर नामक वकील आतंकी संगठन के लिए काम करता था और उसे उच्चायोग के अधिकारियों से नियमित धन प्राप्त होता था।
चार्जशीट में हैं इनके नाम
दविंदर सिंह के अलावा चार्जशीट में प्रतिबंधित संगठन हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर सैयद नवीद मुश्ताक उर्फ नवीद बाबू का भी नाम है। कश्मीर में कई आतंकी हमलों को अंजाम दे चुके नवीद, रफी अहमद और इरफान शफी मीर को अपनी कार में बैठाकर पूर्व डीएसपी उन्हें सुरक्षित कश्मीर से बाहर निकालने की फिराक में था लेकिन कुलगाम से इन सभी को गिरफ्तार कर लिया गया था।
कई एजेंसियां कर चुकी हैं दविंदर से पूछताछ
जम्मू एवं श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर 11 जनवरी को पुलिस ने आंतकी नावेद, रफी और इरफान को जम्मू लेकर जा रहे सिंह को गिरफ्तार किया था। जम्मू एवं कश्मीर पुलिस ने मामले की प्रारंभिक जांच करने के बाद एनआईए को केस सौंप दिया था। तबसे कई जांच एजेंसियां सिंह से पूछताछ कर चुकी हैं। सिंह पूर्व में कई प्रमुख पदों पर रह चुका है। सिंह इसके अलावा जनवरी में कश्मीर का दौरा करने वाले राजदूत प्रतिनिधियों का स्वागत करने वाले अधिकारियों में भी शामिल था।