इंडोनेशिया संग US, चीन को इस हथियार से चुनौती

जकार्ता
चीन के खिलाफ अपनी ताकत मजबूत करने की तैयारी में जुटे देशों की फेहरिस्त लंबी होती जा रही है। अब इंडोनेशिया ने अमेरिका के साथ 2 अरब डॉलर के रास्ते पर। अमेरिका की Bell-Boeing Company इंडोनेशिया को आठ V-22 Osprey tiltroter (टिलोट्रोटर) ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट दे सकती है। हालांकि, फिलहाल यह तय नहीं है कि इंडोनेशिया V-22 खरीदेगा ही लेकिन एक्सपर्ट्स का मानना है कि इस क्षेत्र में चीन के कारण बने तनावपूर्ण हालात के चलते इंडोनेशियाई सेना के लिए यह यकीनन एक बड़ा फायदा साबित हो सकता है।

चीन ने गड़ाई हैं नजरें
इस प्रॉजेक्ट पर अमेरिका के स्टेट डिपार्टमेंट ने सोमवार को मुहर लगा दी है। इंडोनेशिया को इसकी जरूरत चीन की वजह से आ पड़ी है जिसने साउथ चाइना सी में इंडोनेशिया को उसके टापू नटूना (Natuna) के लिए परेशान कर रखा है। नटूना 272 छोटे टापुओं का समूह (archipelago) है जिसका केंद्र जकार्ता से 730 मील उत्तर की ओर है। यहां करीब एक लाख लोग रहते हैं जिनमें से ज्यादातर मछुआरे और सरकारी कर्मचारी हैं। नटूना के लोग वैसे तो आर्थिक रूप से कमजोर हैं लेकिन यहां का समुद्र नैचरल गैस (Natural Gas) और मछली से भरे है। इसी वजह से चीन की इस टापू पर नजर है।

खास बात यह है कि नटूना को लेकर इंडोनेशिया का दावा भी बहुत मजबूत नहीं बताया जाता है। वहीं, पेइचिंग ने समुद्र में अपने दावे की सीमा इस टापू के 200 मील के एक्सक्लूसिव इकनॉमिक जोन (EEZ) के काफी अंदर बना रखी है। इसी वजह से चीन की फिशिंग बोट्स उसके पैरामिलिट्री कोस्ट गार्ड जहाजों के साथ अक्सर नटूना के पास आती हैं और समुद्र की गहराई में जाल डालकर खूब सारे जीव निकाल ले जाती हैं।

इंडोनेशिया के पास अभी सीमित फोर्स
चीन की इस हरकत की वजह से यहां संकट पैदा हो गया है। जनवरी में इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो के नटूना दौरे के एक दिन बाद ही चीनी बोट वहां पहुंची थीं और एक महीने तक डेरा डाल रखा था। इंडोनेशिया कभी-कभी चीन की हरकतों के जवाब में पट्रोल प्लेन, फाइटर जेट और जहाज साउथ चाइना सी की ओर भेज देता है लेकिन इंडोनेशियाई बेस काफी कम, छोटे और अविकसित हैं। इसलिए इसका कोई खास असर नहीं होता है।

नटूना की राजधानी रनेई के एयरपोर्ट को फाइटर जेट के हिसाब से बनाया गया है। इंडोनेशिया की एयरफोर्स ने पहले साउथ चाइना सी में अपने बेस पर F-16 और Su-30s तैनात किए हैं। तान्जुंग पिनान्ग के नेवल बेस पर सिर्फ 100 फीट लंबे जहाज की ही फसिलटी है। देश के सबसे बड़े वायुसैनिक और नौसैनिक पोर्ट नटूना से बहुत दूर हैं। यानी नटूना पर तैनात फोर्स को खुद पर ही निर्भर रहना होगा और लंबी दूरी के संपर्क साधनों को बनाए रखना होगा।

V-22 का नहीं मुकाबला
इंडोनेशिया ने हाल के वक्त में साउथ कोरिया के डिजाइन किए 5 LPDs (लैंडिंग प्लैटफॉर्म डॉक) पर अरबों खर्च किए हैं। Makassar-क्लास के LPD 360 फीट के होते हैं जो 11 हजार टन लोड, 200 सैनिक, Leopard II टैंक के साइज की 40 गाड़ियां ले जा सकते हैं। Makassar की तरह ही इंडोनेशिया के पास 2 Banjarmasiv-क्लास के जहाज हैं जो एयरक्राफ्ट कैरियर की तरह हैं। दोनों 5-5 हेलिकॉप्टर को सपॉर्ट कर सकते हैं और माना जा रहा है कि ये V-22 को भी सपॉर्ट कर सकते हैं।

अभी इंडोनेशिया के पास जो हेलिकॉप्टर, ट्रांसपोर्ट कॉप्टर हैं और 50 Bell 412s और 10 Mi-17s की सबसे बड़ी रोटेटरी फोर्स है, वह V-22 के मुकाबले कुछ नहीं है। V-22 300 मील प्रतिघंटा की रफ्तार से 400 मील मिशन रेडियस और दो दर्जन टुकड़ियों के पूरे लोड को ले जाने की क्षमता रखता है। इसीलिए हर V-22 की कीमत 7 करोड़ डॉलर है। पारंपरिक हेलिकॉप्टरों की तुलना में इसका मेंटेनेंस भी ज्यादा करना पड़ता है। हालांकि, चीन की हरकतों पर नकेल कसने के लिए इंडोनेशिया को ऐसे हथियारों की जरूरत पड़ भी सकती है।

(Source: Forbes)

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