12 फरार, खत्म नहीं हुआ 'ऑपरेशन विकास'

कानपुर के कुख्यात विकास दुबे को मुठभेड़ में ढेर कर दिया गया है। बिकरू गांव में विकास और उसके गैंग ने सीओ समेत आठ पुलिसवालों की हत्या की जघन्य वारदात को अंजाम दिया था। लेकिन अभी भी उसके गैंग के 12 इनामियों का पकड़ा जाना बाकी है। पुलिस और एसटीएफ तलाश में लगी हुई है।

पुलिसकर्मियों को मारने की घटना को अंजाम देने के बाद से ही लुकाछिपी का खेल खेल रहे विकास दुबे को उज्जैन से लाते वक्त कानपुर हाइवे पर मुठभेड़ में ढेर कर दिया गया। हालांकि अभी भी पुलिसकर्मियों की हत्या में शामिल रहे कुछ बदमाश फरार हैं।

थाने में लिखी गई पहली एफआईआर में 21 नामजद समेत 60-70 अज्ञात को दर्ज किया गया था। अब तक की कार्रवाई में 6 लोग मुठभेड़ में मारे गए, जबकि दो पुलिसकर्मी विनय तिवारी और के के शर्मा सहित 14 लोग जेल भेजे गए हैं। पुलिस को करीब 60 लोगों की तलाश है, जिनमें 12 इनामी बदमाश हैं।

अपर पुलिस महािदेशक (कानून व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने बताया कि विकास दुबे गैंग के जिन 12 बदमाशों की तलाश है। उनमें से दो के ऊपर एक-एक लाख का इनाम है जबकि बाकी 10 अपराधियों पर 50-50 हजार का इनाम है।

इनमें गोपाल सैनी और हीरू दुबे पर एक-एक लाख का इनाम है। जबकि छोटू शुक्ला, शशिकांत पंडित, शिव तिवारी, राम सिंह, रामू बाजपेयी, शिवम दुबे, बाल गोविंद, बउवन शुक्ला, विष्णु पाल यादव और मोनू पर 50-50 हजार रुपये का इनाम है।

अभी तक पुलिस और एसटीएफ का मुख्य टारगेट विकास दुबे था। शुक्रवार को उसके मारे जाने के बाद पुलिस और यूपी एसटीएफ का पूरा फोकस इन 12 इनामियों को गिरफ्तार करने पर होगा।

अभी तक यूपी पुलिस और एसटीएफ विकास दूबे के अलावा उसके करीबी प्रभात मिश्रा, अमर दुबे, अतुल दुबे, प्रेम प्रकाश पांडेय और बउवन दुबे को मुठभेड़ में मार चुकी है। जबकि दयाशंकर अग्निहोत्री, जहान सिंह यादव और 50 हजार के इनामी श्यामू बाजपेई को मुठभेड़ में गोली लगने के बाद गिरफ्तार किया गया था। इसके अलावा पुलिस ने अमर दुबे के पिता समेत चार अन्य लोगों की भी गिरफ्तारी की है।

विकास दुबे समेत गैंग के छह लोगों को मारने और तीन सदस्यों की गिरफ्तारी के बाद भी पुलिस और एसटीएफ अभी तक लूटी गई एके-47 और इंसास रायफल बरामद नहीं कर पाए हैं। ये हथियार दो जुलाई की रात पुलिस पर हमले के बाद लूटे गए थे। इसके अलावा 9 एमएम की तीन पिस्टल भी लूटी गई थीं, जिन्हें पुलिस अतुल दुबे, प्रेम प्रकाश पांडेय और प्रभात मिश्रा के पास से बरामद कर चुकी है।

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